क्षमाभाव का संसार क्रिएट करें (भाग 4)

February 23, 2024

क्षमाभाव का संसार क्रिएट करें (भाग 4)

बिना सत्यता की शक्ति के क्षमा का संसार क्रिएट नहीं किया जा सकता है। इसके बिना ऐसे संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक ओर जहां शांति और प्रेम के गुण हमारी भावनाओं को बदलते हैं, वहीं बिना आत्म-सम्मान के, जिन्होंने हमारे साथ कुछ गलत किया है; उन्हें क्षमा करना या उनपर क्रोध न करना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोग सहन और क्षमा तो कर सकते हैं, पर कभी-कभी उनमें इमोशनल विस्फोट देखने को मिलता है। यदि हम चाहते हैं कि, हम बिना किसी प्रेशर के और खुशी से ऐसा करें, तो इसके लिए जरूरी है कि, हम नियमित रूप से परमात्मा से आध्यात्मिक ज्ञान लें और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करें। ऐसा लंबे समय तक करने से हमारे अंदर सत्यता की शक्ति आ जाती है और विपरीत परिस्थितियों में दबाव के समय, हम बिना किसी परेशानी के बातों को सहन कर सकते हैं। साथ ही, हम सामने वाले व्यक्ति को रिएक्शन देने के बजाय अंदर ही अंदर अपनी चेकिंग करते हुए, मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ उन्हें अपनी शुभ कामनाएँ भी दे पाते हैं।

 

सत्यता को लेकर कई कहावतें हैं जैसेकि- सच बोलने वाला सदा खुशी में झूमता है, सत्य की नाव हिलती-डुलती है, पर कभी भी डूबती नहीं, सच्चाई की सदा जीत होती है। ऐसा व्यक्ति जो सच्चा है वही दूसरों को उनकी गलतियों के लिए आसानी से क्षमा कर पाता है और क्षमाभाव से भरपूर सृष्टि का निर्माण करने में मदद करता है।

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