परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के 8 तरीके (भाग 3)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
May 23, 2024
परमात्मा शांति, प्यार और आनंद के सागर हैं और हम उनके बच्चे उनके समान ही इन मूल गुणों वाली आत्माएं हैं। जब परमात्मा के साथ हमारा संबंध सुंदर होता है तो हम खुद को उनके इन गुणों से भरपूर कर सकते हैं। एक सुंदर रिश्ते को दो लाइन में डिफाइन किया जा सकता है- मैं आपका हूँ और आप मेरे हो, इसके साथ ही, जो कुछ मेरा है वो आपका है, और जो आपका है वो मेरा है। परमात्मा के साथ का संबंध भी इन्हीं चार लाइन पर ही आधारित है; अगर हम सच में उनके करीब हैं और उनको बहुत करीब से अनुभव करते हैं। आम तौर पर जब किसी से पूछा जाता है कि, आपके सबसे करीब कौन है तो बहुत से लोग कहेंगे-मेरा बच्चा, मेरा जीवनसाथी, मेरे माता-पिता, मेरे शिक्षक, मेरे भाई-बहन आदि। बहुत कम लोग कहेंगे कि, परमात्मा मेरे सबसे करीब हैं। ऐसा क्यूँ? क्या ऐसा इसलिए है कि, वह हमें इन आंखों से दिखाई नहीं देते? या हमने उनके प्यार को करीब से नहीं महसूस किया है? या फिर क्या ऐसा इसलिए है क्यूंकि हम नहीं जानते कि उन्हें कैसे याद किया जाए? या इसलिए कि भौतिक संबंधों से जुड़ना आसान होता है?
आइए विचार करें, कि परमात्मा के साथ घनिष्ठ और मजबूत रिश्ता कैसे बनाएं?
1.आइए, अपने आध्यात्मिक स्वरूप, रियल आध्यात्मिक घर, वास्तविक और स्वाभाविक गुणों और वर्ल्ड ड्रामा में अपने रोल का ज्ञान प्राप्त करें।
2.आइए, परमात्मा के नाम, आध्यात्मिक रूप, घर, उनके गुण और वर्ल्ड ड्रामा में उनके रोल का ज्ञान प्राप्त करें और गहराई से समझें।
3.तीसरा स्टेप है; परमात्मा के साथ अपने गहरे सम्बंध को गहराई से अनुभव करना और ये अनुभव करना कि, वे ही आपके सबसे करीब हैं। ज्ञान के इन दोनों पॉइंट्स के आधार पर उस गहरे प्यार की अनुभूति करना।
4.अगला स्टेप हैं अपने विचारों, शब्दों और कार्यों को परमात्मा की इच्छा के अनुसार शेप देना। और ऐसा करने से आपका जो भी है आप उन्हें देते हैं। इसके बदले में वे हमें अपने शांति, प्यार और आनंद के तोहफों से भरपूर कर देते हैं जिससे उनके साथ हमारा संबंध सुंदर और घनिष्ठ बनता है।
5.आखिरी स्टेप है इस शांति, प्यार और आनंद को अपने चारों ओर रेडीएट करना और अपने हर सम्बन्ध और रोल को परमात्मा के गुणों के रंग से रंगना।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था इसी दिशा में, ईश्वरीय ज्ञान को साझा करती है; जो आपके जीवन में परमात्मा के साथ घनिष्ठ और मजबूत रिश्ते के द्वार खोलने की चाभी बन सकती है।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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