लॉ ऑफ अट्रैक्शन: हम जो हैं वही पाते हैं

July 13, 2024

लॉ ऑफ अट्रैक्शन: हम जो हैं वही पाते हैं

हम कुछ ऐसे लोगों से मिल सकते हैं (यहां तक कि खुद से भी), जिन्हें प्यार और स्नेह नहीं मिलता। हालांकि वे परिवार और अपने मित्रों से स्वीकृति पाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हर एक की परवाह भी करते हैं लेकिन अक्सर लोग उनकी परवाह नहीं करते। कभी-कभी ये सिर्फ नजरअन्दाज किए जाने के बारे में नहीं होता है, बल्कि वे खुद क्रोध, नफरत या अस्वीकृति जैसी विपरीत गुणों वाली एनर्जी को भी आकर्षित करते हैं। ऐसा तब होता है जब हम खुद से प्यार नहीं करते या हमारे अंदर आत्म-सम्मान की कमी होती है। और ऐसी वाईब्रेशन रेडीएट करके, हम अन्य लोगों से भी प्यार और सम्मान की कमी को आकर्षित करते हैं, क्यूँकि हम जैसी एनर्जी दूसरों को भेजते हैं वैसी ही हमें उनसे मिलती है। चाहे वह प्यार हो, शांति हो या खुशी हो, अगर हम खुद को ये सब नहीं देते हैं, तो कोई और भी हमें ये सब नहीं दे सकता। ये सबकुछ हमसे शुरू होता है और हमसे ही दूसरों तक पहुंचता है। ठीक ऐसा ही तब होता है जब कोई सफलता के लिए बहुत मेहनत करता है लेकिन बार-बार उसे  असफलता ही मिलती है। इसका सीधा संबंध हमारी सूक्ष्म एनर्जी की क्वालिटी के ऊपर डिपेंड करता है। एक लक्ष्य निर्धारित करने के बाद, हमें किसी भी तरह की नकारात्मकता; जैसे भय या संदेह क्रिएट किए बिना, अपने जीवन की यात्रा में निरंतर आगे बढ़ना चाहिए। सफल होने के लिए जो भी आवश्यक है उसकी कमी की बजाय हम अक्सर अपने भय के कारण ही असफल होते हैं। भले ही किसी विशेष मोड़ पर हम असफल हो जाएं, पर ये जरूरी है कि हम अपने मन को सकारात्मक रूप से अपने लक्ष्य की तरफ निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहें। जब हमारी वाईब्रेशन पॉजिटिव होती हैं, तब हमारे लिए अधिक सम्भावनाएं खुलती जाती हैं।


हम सभी के पास आठ स्पिरिचुअल् शक्तियाँ हैं। मेडिटेशन और निरंतर आध्यात्मिक पढ़ाई द्वारा, हमें स्वयं को स्वीकार करने की शक्ति को बढ़ाना है। लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं ये हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। हम स्वयं के लिए क्या सोचते हैं ये हमारे लिए मायने रखता है। आइए अपने खुद के आत्म-सम्मान का निर्माण अपनी कोर वैल्यू के आधार पर करें, न कि अपनी उपलब्धियों या लोगों की उम्मीदों के आधार पर। इसी प्रकार हमें अपनी सामना करने की शक्ति को भी बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि हमारी एनर्जी भय और आत्म संदेह से प्रभावित न हो सके। यह शक्ति हमारे मन को पुनः साहस की ओर ले जाती है और हम  जीवन के किसी भी पहलू में सफल हो सकते हैं। ऐसे सीनेरियो में लॉ ऑफ अट्रैक्शन काम करता है। इस नियम का मतलब ये नहीं हमें वह मिलता है जो हम चाहते हैं, बल्कि इसका वास्तविक अर्थ है कि हमें वह मिलता है जो हम हैं। जैसे हम हैं वैसे ही हमारे विचार और शब्द होते हैं और ये ब्रह्मांड में वाईब्रेट होकर हम तक वापस पहुँचते हैं। हमारे व्यक्तित्व में हमारे संस्कार और कार्मिक अकाउंट भी शामिल हैं, इसलिए हमें जो मिलता है वो इन पर भी निर्भर करता है।

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