मन के लिए हेल्थी इमोशनल डाइट (भाग 2)

January 5, 2024

मन के लिए हेल्थी इमोशनल डाइट (भाग 2)

कल के संदेश द्वारा हमने जाना कि, कैसे हम प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया की नेगेटिव इमोशनल डाइट से लेने से बच सकते हैं। साथ ही, हम स्वयं के इमोशनल डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जरूरी, कुछ सरल स्टेप्स को भी समझेंगे। 

 

इसके लिए, आइए नकारात्मक जानकारी के एक बहुत ही सामान्य और जरूरी सोर्स को समझते हैं; जो कि, हमारे आसपास रहने वाले लोगों से, मित्र संबंधियों से, परिवार से या फिर ऑफिस के सहयोगियों की तरफ से आता है। वे अक्सर हमसे उन चीजों के बारे में बात करते हैं जिनके बारे में हम कुछ नहीं कर सकते जैसे कि; आम समस्याएं, मुद्दे या फिर अन्य लोगों के स्वभाव संस्कार। लेकिन फिर भी हम अक्सर उनके द्वारा बताई गई बातों को बहुत ध्यान से सुनते हैं। जोकि हमारे मन के लिए एक हानिकारक इमोशनल डाइट है। क्योंकि जब हम किसी व्यक्ति के बारे में जो कुछ सुनते हैं, वैसा ही दृष्टिकोण बनाते हैं। फिर यह हमारे थॉट प्रोसेस का हिस्सा बन जाता है। 

 

इसलिए जब भी कोई किसी व्यक्ति के बारे में अपनी राय देता है, तो जरूरी नहीं कि वो सच ही हो। वे लोग अपने संस्कारों के आधार पर अपना दृष्टिकोण हमारे साथ साझा करते हैं। क्या हम नहीं जानते कि – हमारे संबंधों में या फिर हमारे ऑफिस में क्या और कैसी बातें होती हैं? लोग कैसे कैसे अपने आलोचनात्मक, ईर्ष्या या चिंता के नकारात्मक संस्कारों द्वारा दूसरों के बारे में बातें करते हैं। 

 

ऐसे में, हम इन गलत इमोशनल डाइट की  पहली परत को उस व्यक्ति की कमजोरी के रूप में लेते हैं जिसके बारे में बात की जा रही है, और दूसरी परत के रूप में बातें शेयर करने वाले व्यक्ति की कमजोरी होती है। और ये सब सुनकर हम अपनी कमजोरी के रूप में तीसरी परत भी जोड़ लेते हैं। और इस तरह से हम अपने मन का मोटापा बढ़ाने वाली इमोशनल डाइट की इन तीन परतों का सेवन करते जाते हैं। लेकिन क्या हम इस बात को समझते हैं कि, ये सब नकारात्मक बोझ हैं जिन्हें हम अपने साथ लेकर चलते हैं। इसलिए अगर हम हल्का और खुश रहना चाहते हैं तो हमें ऐसी डाइट से परहेज करना चाहिए।

(कल जारी रहेगा….)

नज़दीकी राजयोग सेवाकेंद्र का पता पाने के लिए