July 1, 2025

मानसिक दबाव और तनाव पर काबू कैसे पाएं (भाग 1)

स्पिरिचुअल लेवल पर, हम किसी भी तरह के मानसिक दबाव को अपने ऊपर कार्य करने वाले एक बल के रूप में अनुभव करते हैं जो हमारे द्वारा किसी सिचुएशन को सहन करने या फिर उसे रिसिस्ट करने में दिखाई देता है। इस प्रकार से दबाव फील करने की स्थिति में; फोर्स का लगना और रेजिस्ट करना दोनों ही इक्वेशन होते हैं। और हर किसी की रेजिस्टेंस क्षमता अलग-अलग होती है। इसलिए दो लोग जब अपनी-अपनी रेजिस्टेंस क्षमता के अनुसार अपने ऊपर बल का अनुभव करते हैं तो उन्हें अलग-अलग हिसाब से प्रेशर फील होता है। और यह फीलिंग हमें एक बंधन की तरह महसूस होती है और हमें लगता कि वो फोर्स ही हमें रूल कर रहा है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो मानते हैं कि, वे किसी भी तरह के फोर्स की अनुपस्थिति में फ़्रीडम फील कर सकते हैं, जोकि लगभग असंभव है, क्योंकि हमारे जीवन में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण, हमारी आत्मा पर कोई न कोई फोर्स या प्रेशर काम करता है। जैसे कि हमारे फिजिकल शरीर द्वारा निभाए गए रोल; हमारा प्रोफेशन, परिवार, धन संपति, रिश्ते और इसके अलावा हमारा अपना व्यक्तित्व, विचार, भावनाएं आदि भी कई बार हम पर दबाव डालते हैं।

किसी भी बात में प्रेशर फील करने में, रेजिस्टेंस क्षमता के अलावा, इक्वेशन प्रेशर के अंतर्गत; कौन सा और कितना बल हमारे ऊपर प्रभाव डालता है, इसकी धारणा भी हमें तनाव फील कराती है, और साथ ही यह हमारे बिलिफ सिस्टम पर भी निर्भर करता है। इसलिए दो लोग एक ही परिस्थिति को अलग-अलग मैग्नीट्यूड के रूप में देखेंगे। जबकि हमारा मानना है कि जीवन की परिस्थितियाँ, हमसे जुड़े लोग और उनकी एक्सपेक्टेशन हमारे दबाव का एक अहम कारण हैं, तो फिर मेंटल प्रेशर में आ जाने की अपनी इस आदत को बदलने के लिए हम कुछ नहीं कर पाएंगे। देखा जाए, तो यह हम ही हैं जो खुद पर दबाव डालते हैं और बाहरी लोगों को भी अपने ऊपर दबाव डालने देते हैं। तो यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम भावनात्मक रूप से फंसे हुए, कन्फ्यूज्ड, जल्दबाजी और हलचल की स्थिति में रहते अपने जीवन की यात्रा पूरी करना चाहते हैं, या फिर अपने आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प की शक्ति और धैर्यता के साथ अपनी इनर इमोशनल स्टेबिलिटी को बनाए रखना चाहते हैं। कुछ मामलों में, हममें से कुछ लोग खुद पर दबाव डालते हैं, क्योंकि हम यह समझते हैं कि जो हम चाहते हैं उसे हासिल करने के लिए थोड़ा दबाव में रहना अच्छा है, यह पॉजिटिव एनर्जी देने के साथ-साथ हमें मोटीवेट भी करता है। इस तरह से हमें यह समझने में आसानी होती है कि बाहरी बल हमें प्रभावित नहीं कर सकता। इस प्रकार का दबाव एक धोखे की तरह है जो शॉर्ट टर्म में भले ही लाभदायक हो सकता है लेकिन लॉन्ग टर्म में हम पर हानिकारक प्रभाव ही डालेगा। लेकिन कुछ और लोग इस तरह के दबाव का अनुभव नहीं करते हैं क्योंकि, वे इसमें विश्वास नहीं रखते और बाहरी बल द्वारा अपने जीवन को प्रभावित नहीं होने देते हैं। 

(कल भी जारी रहेगा…)

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