
ईज़ी रहें, बिजी नहीं
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
November 9, 2024
हम सभी की व्यस्त जीवनशैली में नियमित अंतराल पर, हमें शांति और आत्म-निरीक्षण की आवश्यकता होती है, जहाँ हममें से अधिकांश को कई कार्य करने होते हैं। ऐसे में, स्वयं से पूछने का एक अच्छा प्रश्न है- क्या मुझे ज़्यादा विचारों वाला मन पसंद है या कम विचारों वाला मन, जिसमें विचारों के बीच अधिक स्पेस हो। एक समय की बात है, जब एक समूह पैदल एक देश से दूसरे देश जा रहा था, उनके कंधों पर भारी बोझ था और यात्रा बहुत थका देने वाली थी। जब वे अपने गंतव्य पर पहुँचे, तो उनकी ऊर्जा कम हो चुकी थी और उनका उत्साह अपने सबसे निचले स्तर पर था। उनका कार्य था सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना। आखिर कौन ऐसा जीवन पसंद नहीं करेगा जहां कम बोझ ढोना हो? उसी प्रकार, हमारे विचार मानसिक भार जैसे होते हैं। तो जितने कम और हल्के विचार होंगे, हमारा मन उतना ही हल्का और उत्साही रहेगा। आइए, अपने मन को हमेशा हल्का और खुशी से भरपूर रखने के पाँच तरीकों पर विचार करें:
(कल जारी रहेगा…)
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
भाई-बहनों की प्रतिस्पर्धा को आध्यात्मिक समझ से समाप्त करें। तुलना और ईर्ष्या को छोड़कर प्रेम, सम्मान और आत्म-संतोष को अपनाएँ। ✨🕊️
मेडिटेशन केवल अभ्यास नहीं, बल्कि परमात्मा से जुड़े रहने का एक तरीका है। ध्यान द्वारा आध्यात्मिक पोषण प्राप्त करें और दिव्यता बढ़ाएँ। 🌿✨
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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