20th dec 2024 soul sustenence hindi

December 20, 2024

निःस्वार्थ प्रेम सुंदर संबंधों की चाभी है (भाग 5)

किसी भी रिश्ते में त्याग एक महत्वपूर्ण गुण है, माना किसी भी रिश्ते को सफल बनाने के लिए त्याग की भावना  होना बहुत जरूरी है। याद रखें, जो व्यक्ति रिश्ते में केवल खुद को आगे रखता है और दूसरे की जरूरतों का ख्याल नहीं करता, वह सम्मान खो देता है। ऐसा व्यक्ति रिश्ते में अपनी बुद्धिमानी से नेतृत्व तो कर सकता है, लेकिन दिल के स्तर पर वह हार जाता है। लेकिन वह व्यक्ति जो अपने अहंकार को छोड़कर दूसरों की जरूरतों का ख्याल रखता है, वही सच्चा विजेता होता है। यह सोच किसी भी रिश्ते में लागू होती है, चाहे वह जीवनसाथी के बीच का रिश्ता हो या कोई अन्य रिश्ता। अक्सर, लोग मानते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता सबसे मुश्किल होता है, लेकिन यह किन्हीं भी दो लोगों के बीच हो सकता है। किसी भी रिश्ते में, किसी भी परिस्थिति में  जब हम अहंकार में आकर “मैं” शब्द का इस्तेमाल करते हैं तब हम दिल के स्तर पर हार जाते हैं। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति उस दूसरे व्यक्ति की दुआएं खो देता है, भले ही वह दूसरा व्यक्ति यह माने कि पहला व्यक्ति अधिक समझदार और कुशल है। ऐसा व्यक्ति बाहरी तौर पर तो सम्मान कमा सकता है, लेकिन प्यार और आंतरिक सम्मान खो देता है।

 

आपने यह सुना होगा कि डर से मिला हुआ सम्मान, सम्मान नहीं होता। ऐसा अहंकारी लोगों के साथ होता है। अहंकारी लोगों को कभी-कभी डर के कारण सम्मान मिलता है क्योंकि वे कई तरीकों से अधिक कुशल होते हैं और अपने काम को अपने हिसाब से करवाने में सक्षम होते हैं। लेकिन उनमें विनम्रता और दिल जीतने की कला की कमी होती है। याद रखें, इस दुनिया में ऐसे लोग भी हुए हैं जो अपनी करुणा और मधुर स्वभाव के कारण अधिक सफल हुए हैं। वे भले ही भौतिक स्तर पर सबसे कुशल या सफल न हों, लेकिन विनम्र लोग दिलों के सच्चे नेता होते हैं। और परमात्मा उनके इसी गुण के कारण उनकी मदद करते हैं, ताकि वे सफलता प्राप्त कर सकें।

(कल जारी रहेगा…)