
कम बोलें, धीरे बोलें और मीठा बोलें
कम बोलना, धीरे बोलना और मीठा बोलना केवल एक कला नहीं, बल्कि प्रभावशाली कम्युनिकेशन की कुंजी है। जब हम शब्दों को सोच-समझकर बोलते हैं, तो वे सुनने वाले के दिल तक पहुंचते हैं।
January 23, 2025
परीक्षा की तैयारी करते समय अपनी एकाग्रता और ध्यान पर नज़र रखें। स्वयं से पूछें कि क्या मैं एक अध्याय को पढ़ने या दोहराने में बहुत अधिक समय लगा रहा हूँ? अगर, उत्तर हाँ में है तो, अपने मन में चल रहे विचारों की संख्या पर ध्यान दें। क्यूँकि ये विचार न केवल संख्या में ज़्यादा हो सकते हैं, बल्कि कई बार अनावश्यक और पढ़ाई से असंबंधित होते हैं जैसेकि अतीत, भविष्य या अन्य लोगों से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में इन बेकार के विचारों को कम करने के लिए हर एक घंटे में 1 मिनट का ब्रेक लें जिसमें आप शांत होकर बैठें या मेडिटेशन करें। यह अभ्यास न सिर्फ आपके विचारों को कम करेगा बल्कि अगले 59 मिनट के लिए आपकी एकाग्रता शक्ति को भी बढ़ाएगा। इसके साथ ही, याद रखें कि कर्म का नियम कहता है; जैसा कर्म आप आज करेंगे, वैसा ही फल भविष्य में पाएंगे। आपकी आज की मेहनत न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी आपको खुशी और शक्ति देगी। इससे आप ज़िम्मेदार बनेंगे और ध्यान जो केंद्रित भी कर सकेंगे। आप परीक्षा और उसके पहले के समय को गंभीरता से लेंगे।
पढ़ाई में सफलता और मन की शांति पाने के लिए सातवां महत्वपूर्ण कदम है अपनी पढ़ाई से थोड़ा जुड़ाव कम करें। आध्यात्मिक नियमों के अनुसार, अपने काम को हल्के और सहज तरीके से देखें, न कि इसे लेकर बहुत ज़्यादा तनाव लें। जब आप पढ़ाई को हल्के मन से करते हैं, तो तनाव और चिंता कम होती है। इसके लिए अपनी पढ़ाई का समय छोटा लेकिन एकाग्रता से भरा हुआ रखें। लंबे समय तक बिना मेडिटेशन के पढ़ाई करने से बचें। और आखिरी आठवें तरीके के अनुसार, परीक्षा के दबाव को कम करने के लिए, रोज़ सुबह पढ़ाई शुरू करने से पहले कम से कम एक पेज आध्यात्मिक ज्ञान या सकारात्मक बातें पढ़ें। सुबह का समय ऐसा होता है जब मन को नई बातें आसानी से और तेज़ी से समझ में आती हैं। सुबह की इस आदत से आप पूरे दिन शांत, सकारात्मक और आत्मविश्वासी रहेंगे। मन; एक ब्लॉटिंग पेपर की तरह है जो सुबह दी गई सकारात्मक जानकारी को जल्दी और पूरी तरह से सोख लेता है। यह आदत आपको पूरे दिन सकारात्मक सोच और निश्चित सफलता की ओर ले जाएगी। इन आठ सरल तरीकों को अपनाकर आप अपनी परीक्षा की तैयारी को बेहतर और तनावमुक्त बना सकते हैं
कम बोलना, धीरे बोलना और मीठा बोलना केवल एक कला नहीं, बल्कि प्रभावशाली कम्युनिकेशन की कुंजी है। जब हम शब्दों को सोच-समझकर बोलते हैं, तो वे सुनने वाले के दिल तक पहुंचते हैं।
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अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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