
सच्चे रिश्ते वही होते हैं जहाँ आत्मनिर्भरता और भावनात्मक स्वतंत्रता हो। जानिए कैसे दूसरों को सहयोग करते हुए उन्हें सशक्त बनाएं।
May 14, 2025
हर सुबह जब हम दिन की शुरुआत करते हैं, तो हमारे पास कई कार्य होते हैं जिन्हें हमें पूरा करना होता है। हमारे मन में लगातार यह चलता रहता है कि पूरे दिन हमें क्या-क्या करना है — चाहे हम घर पर हों, कार्यस्थल पर हों या कहीं और। लेकिन जब हम अपने जीवन को एक अलग दृष्टिकोण से देखते हैं यानि जैसे कि परमात्मा हमारे जीवन को देखते हैं; तो हमें यह एहसास होता है कि वह हमसे सिर्फ़ यह नहीं चाहते कि हम दैनिक कार्य करते हुए जीवन जीएँ, बल्कि वह यह भी चाहते हैं कि हम हर कर्म करते समय उन्हें अपने समीप अनुभव करें। वे ऐसा क्यों चाहते हैं? आइए इस संदेश में इसके 5 लाभों को समझें:
परमात्म साथ से हम हल्कापन महसूस करते हैं
आज की तेज़ रफ्तार भरी ज़िंदगी में तनावपूर्ण परिस्थितियाँ बार-बार आती हैं। यदि हम अंदर से मज़बूत नहीं हैं और अपने को अकेला महसूस करते हैं, तो हम जल्दी ही बोझिल हो सकते हैं, मानसिक रूप से भारीपन अनुभव कर सकते हैं और हमारी एकाग्रता भी टूट सकती है। इसका कारण यह है कि हम ईश्वर से जुड़ नहीं पाए हैं और हमारे पास यह अभ्यास नहीं है कि जैसे ही कोई समस्या हमारी सोच में आए, हमारी संस्कारों से जूझने की स्थिति बने, शरीर और स्वास्थ्य की देखभाल में कठिनाई हो, या रिश्तों को संभालना हो, या कार्य में सफलता प्राप्त करनी हो — तो हम तुरंत अपने बोझ ईश्वर को सौंप दें। वे हमें याद दिलाते हैं कि अब तक हम अपने जीवन की समस्याओं को अपने ही ढंग से संभालते आए हैं — जैसे हमें सही लगता है। अब इस आदत को बदलें। ईश्वर को अपने जीवन की हर समस्या का समाधानदाता मानें। अपने मन में उनसे बात करें और जो भी प्रश्न आप पूछें, उनके उत्तर अलग-अलग और चमत्कारिक तरीकों से अनुभव करें। साथ ही, हर सुबह योग में बैठकर उनसे मार्गदर्शन लें और फिर दिन की शुरुआत करें। इस तरह आप बहुत हल्का महसूस करेंगे और जो भी कार्य करेंगे, उसमें डर, चिंता या ‘कब, कैसे, क्यों’ जैसे विचार नहीं आएँगे जो कि नकारात्मक परिस्थितियों में सामान्यतः हमारे मन में उठते रहते हैं।
यह देखा गया है कि जब हम इस प्रकार उनसे जुड़े होते हैं, तो हमारे विचार कम और सकारात्मक होते हैं और समस्याओं का समाधान सहजता से मिल जाता है। साथ ही, यह निरंतर अनुभूति बनी रहती है कि वे हमें सहयोग दे रहे हैं और इस सच्चाई में गहरा विश्वास भी जागृत होता है।
(कल भी जारी रहेगा…)
सच्चे रिश्ते वही होते हैं जहाँ आत्मनिर्भरता और भावनात्मक स्वतंत्रता हो। जानिए कैसे दूसरों को सहयोग करते हुए उन्हें सशक्त बनाएं।
परमात्मा, ब्रह्मांड की सर्वोच्च आध्यात्मिक शक्ति हैं। उनके प्रेम और शक्ति से आत्मा को शांति, आनंद और दिव्यता का अनुभव होता है।
https://youtu.be/UPQS0cK9fLk हम सभी ने अपने जीवन में साधु महात्माओं, माता-पिता, शिक्षक, परिवार के सदस्यों और मित्रों द्वारा दिए गए “आशीर्वाद की पॉवर” को अनुभव किया होगा। ब्लेसिंग माना – उनके
By dedicating time to nurture our inner selves, we can transform our external reality. Embrace the practice of viewing life through a lens of gratitude and positivity, and watch as your world blossoms into a garden of tranquility and joy.
Raksha Bandhan is more than a sibling bond; it’s a vow of purity and protection. 💫This Raksha Bandhan, gift yourself the power of meditation, embrace purity in thought, and transform your life with positive energy. 💖🧘♀️ May your soul be
Every thought we create has a ripple effect – it first influences our mind, then our body, then our relationships, and finally, the environment. By cultivating positive thoughts, we can ensure our well-being and positively impact our surroundings.
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
ज्वाइन पर क्लिक करने के बाद, आपको नियमित मेसेजिस प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप कम्युनिटी में शामिल किया जाएगा। कम्युनिटी के नियम के तहत किसी भी सदस्य को कम्युनिटी में शामिल हुए किसी अन्य सदस्य के बारे में पता नहीं चलेगा।