
सराहे जाने और आलोचना किए जाने पर स्टेबल रहें
आत्मिक स्थिरता सिखाती है कि न तारीफ में खोएं, न आलोचना से दुखी हों। जानें अध्यात्मिक दृष्टिकोण से स्थिर और शांत रहने के उपाय।
March 4, 2024
एक बेहतर संबंध वो नहीं होता, जहां आप कभी क्रोध न करें, उदास न हों या इरिटेटेड फील न करें, बल्कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि- कितनी जल्दी आप अपने इश्यूज को सुलझाते हैं और वापस नॉर्मल हो जाते हैं।
अक्सर हम सभी अपने किसी कॉन्फ्लिक्ट के बाद या किसी के द्वारा मिले धोखे की वजह से हर्ट फील करते हैं और खुद को नीचा महसूस करने लगते हैं, और ऐसा हम कई घंटों, महीनों और कभी-कभी तो सालों तक करते रहते हैं। क्योंकि हमें अपना नाराज होना भी जायज लगता है। हमें लगता है कि, ये उनकी गलतियों की वजह से हुआ है और कभी-कभी तो हम ऐसा भी महसूस करने लगते हैं कि, चीजें अब पहले जैसी नहीं हो पाएंगी। लेकिन असल में हम इस सच्चाई से बहुत दूर होते हैं कि- चाहे कुछ भी हुआ हो, हमारा सिर्फ एक सही विचार सब कुछ ठीक कर सकता है और हम पहले की तरह नॉर्मल हो सकते हैं। तो जब हमारा मन हमसे प्रश्न पूछे, तो उस समय हमें उसे जवाब देने होंगे। आइए नीचे दिए गए उदाहरण द्वारा समझते हैं।
ऐसे ही कई प्रश्न हो सकते हैं, पर हमारे पास हर प्रश्न के जवाब होने चाहिए, अगर हमारे लिए हमारे संबंध ही हमारी प्राथमिकता हैं, उनकी और हमारी खुशियां; क्या सही या क्या गलत था, उससे ज्यादा मायने रखती हैं।
आत्मिक स्थिरता सिखाती है कि न तारीफ में खोएं, न आलोचना से दुखी हों। जानें अध्यात्मिक दृष्टिकोण से स्थिर और शांत रहने के उपाय।
सच्चा प्रेम तब आता है जब हम स्वयं से और परमात्मा से जुड़े होते हैं। निस्वार्थ प्रेम हमारे मन को शांति और आत्मिक शक्ति देता है।
‘मैं करूँगा’ कहें, ‘मैं कोशिश करूँगा’ नहीं। सोच और शब्दों की पॉजिटिव एनर्जी सफलता को आकर्षित करती है। आज से अपने शब्द बदलें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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