
अपनी सत्यता के मौलिक गुण की ओर लौटना
सत्यता हमारे मौलिक गुणों में से एक है। जानिए कैसे झूठ से दूर रहकर, ईमानदारी और सच्चाई से भरा जीवन जी सकते हैं – शक्ति, शांति और सरलता के साथ।
April 1, 2024
इस इन्फॉर्मेशन के युग में, हमारे पास ज्ञान का भंडार है। पर क्या कभी हमने ये चेक किया है कि, हम किस प्रकार की जानकारियां ग्रहण कर रहे हैं? क्या ये बात हमारे लिए महत्व रखती है या फिर हमें जो भी मिलता जा रहा है, हम वो सबकुछ पढ़, सुन और देख रहें हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर के लिए भोजन जरूरी है, ठीक उसी प्रकार इन्फॉर्मेशन हमारे मन का भोजन है। छोटी से छोटी जानकारी जो हम तक पहुंच रही है वो हमारे विचारों का स्रोत है। हमारे हर विचार के पीछे एक भावना होती है, यही भावनाएं हमारा स्वभाव बनाती हैं और हमारे कार्यों को प्रभावित करती हैं। जिस कार्य को हम बार-बार करते हैं वो हमारी आदत बन जाती है। हमारी सभी आदतें हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं। और हमारा व्यक्तित्व एनर्जी रेडीएट करता है और लॉ ऑफ कर्मा के अनुसार-जिस तरह की एनर्जी हम देते हैं, ठीक उसी तरह की एनर्जी हम रिसीव करते हैं, जिससे फिर हमारे भाग्य का निर्माण होता है। तो आइए, इस आंतरिक प्रक्रिया के प्रति हम जागरूक हों और ये देखें कि, किस प्रकार हमारे विचारों का प्रभाव, हमारे भाग्य पर पड़ता है और इन्फॉर्मेशन का प्रभाव हमारे विचारों पर पड़ता है। इसका एक बहुत ही साधारण फार्मूला है; इन्फॉर्मेशन = भाग्य
आइए, हम खुद के जीवन से कुछ साधारण सीन लेकर ये चेक करते हैं कि, हम कैसे रिएक्ट करते हैं- अगर हमरा बच्चा समय से घर नहीं पहुंचा है और उसका फोन भी पहुंच के बाहर है, तो ऐसे में हमारे विचार चिंता, भय और दुर्घटना वाले होंगे जो कि स्वाभाविक है या हमने किसी असाइनमेंट के लिए बहुत मेहनत की लेकिन बदले में हमें आलोचना मिली …ऐसे में हर्ट होने के विचार स्वाभाविक है? हम किसी से आशा रखते हैं कि, उन्हें इस तरह से व्यवहार करना चाहिए, परंतु वो किसी भी तरह से समझने को तैयार नहीं हैं तो क्या ऐसे में गुस्से और चिड़चिड़ेपन के विचार स्वाभाविक हैं? हम सभी एक ऐसे संसार में रहते हैं जहां स्ट्रेस, गुस्सा, ईर्ष्या, हर्ट, पछतावा, रिजेक्शन जैसी भावनाओं को स्वाभाविक कहा जाता है। और जब इस प्रकार की भावनाएं लगातार हमारे मन में चलती रहती हैं, तो इसका मतलब है कि हम अपने मन को अशांत, शरीर को बीमार और अपने संबंधों में टकराव पैदा कर रहे हैं।
(कल जारी रहेगा)
सत्यता हमारे मौलिक गुणों में से एक है। जानिए कैसे झूठ से दूर रहकर, ईमानदारी और सच्चाई से भरा जीवन जी सकते हैं – शक्ति, शांति और सरलता के साथ।
काम और ज़िम्मेदारियों के बीच बच्चों को समय न दे पाने का अपराधबोध सताता है? चिंता न करें। आपके विचार और भावनाएं ही बच्चों पर गहरा असर डालती हैं। शक्तिशाली सोच, आध्यात्मिकता और स्थिर ऊर्जा से न केवल आपका अपराधबोध कम होगा, बल्कि बच्चों के साथ संबंध भी सशक्त होंगे।
जीवन में बदलाव तय है, लेकिन स्थिर रहना कला है। इस लेख में जानिए 5 तरीके जो आपको अंदर से मजबूत बनाएंगे – आत्मनिरीक्षण, पॉजिटिव दृष्टिकोण, तैयारी, स्व-परिवर्तन और परमात्मा का साथ। इन उपायों से हर परिवर्तन बनेगा विकास का रास्ता।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
ज्वाइन पर क्लिक करने के बाद, आपको नियमित मेसेजिस प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप कम्युनिटी में शामिल किया जाएगा। कम्युनिटी के नियम के तहत किसी भी सदस्य को कम्युनिटी में शामिल हुए किसी अन्य सदस्य के बारे में पता नहीं चलेगा।