04th oct 2024 soul sustenence hindi

October 4, 2024

रिश्तों में कटाक्ष (ताने) देने की आदत से बचें

जब हम भावनात्मक रूप से आहत या दुखी होते हैं, तो हम अक्सर दूसरों को ताने वा कटाक्ष मारते हैं ताकि हम खुद को बेहतर महसूस करा सकें। चाहे यह तारीफ में हो, आलोचना में या गुस्से में हो, यह एक नकारात्मक ऊर्जा है। आइए जानें कि क्या मज़ाकिया, चतुर या तीक्ष्ण लगने के पीछे, आपने कभी किसी को ताना मारा है? इसमें स्वाभाविक रूप से नकारात्मक ऊर्जा होती है, इसलिए यह हमारे रिश्तों को कमजोर कर देती है। किसी के बारे में नकारात्मक बातें कहने से हमारी अपनी आभा और ऊर्जा भी कमजोर होती है। इससे जुड़ी कुछ बातों को जानें:

 

  1. याद रखें कि, जब आप किसी को ताना मारते हैं, तो वह व्यक्ति आहत या क्रोधित महसूस करता है। ताने देना, हमेशा आपको स्मार्ट या मज़ाकिया नहीं बनाता बल्कि दर्शाता है कि आपके अंदर नफरत, जलन, दर्द, गुस्सा या असुरक्षा की भावना है। इससे आपकी विश्वसनीयता कम होती है।

 

  1. आप अपने भावनात्मक दर्द या चोट की वजह से ताने मारते हैं या दूसरों पर कटाक्ष करते हैं। जब आप आंतरिक रूप से असहज होते हैं, तो आप दुनिया के प्रति कड़वाहट महसूस करने लगते हैं। इसलिए, स्वयं को ठीक करने की ज़िम्मेदारी लें और स्वीकार करें कि आपकी भावनाएँ पूरी तरह आपकी अपनी रचना हैं।

 

  1. हर एक शब्द जो आप बोलते हैं, वह एक ऊर्जा है, जो या तो आपको और आपके माहौल को सशक्त बनाती है या उसे कमजोर करती है। रोज़ाना योग का अभ्यास करें और आध्यात्मिक ज्ञान का अध्ययन करें ताकि आप सकारात्मक सोच सकें और अपने दयालुता और करुणा के गुणों को उभार सकें। इससे आप अपनी बातचीत में सही और सकारात्मक शब्दों का चुनाव करने लगेंगे। 

 

  1. स्वयं से वादा करें कि, आप हर स्थिति में केवल शुद्ध, उच्च ऊर्जा वाले शब्दों का ही प्रयोग करेंगे। लोग सही न भी हों, परिस्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हों, लेकिन उन्हें अपनी ऊर्जा को नीचे गिराने का मौका न दें। कुछ दिनों तक इस पर ध्यान देने से, आपकी शब्दावली साफ हो जाएगी और ताने देने की आदत समाप्त हो जाएगी।

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