April 16, 2025

संबंधों को सुंदर और आनंदमय बनाएं

हम आत्माएँ अनेक जन्मों में कई संबंध बनाती हैं, और कभी-कभी इन संबंधों में हमें नुकसान भी पहुँचता है। हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि संबंध हमें मदद के साथ-साथ आघात भी दे सकते हैं। हम कौन-कौन सी गलतियाँ करते हैं? जब कोई भी संबंध अपने अलग-अलग चरणों से गुजरता है, तो हम भावनात्मक रूप से उन उतार-चढ़ावों के साथ झूलते रहते हैं और खुशी तथा दुख के बीच डगमगाते रहते हैं। आनंद के क्षण बहुत जल्दी बीत जाते हैं, जबकि किसी प्रिय व्यक्ति से मिला हुआ दुख बहुत समय तक मन में बना रहता है। इस नकारात्मक चक्र को जानते हुए भी हम सच्चे संबंधों की कामना करते हैं। तो हम कैसे ऐसे सुंदर संबंध बनाएँ, जिनमें हम सकारात्मक रूप से जुड़े रहें, परंतु नकारात्मक रूप से उलझें नहीं? इसका उत्तर है; अपनी भावनाओं का रचनात्मक उपयोग करके एक मजबूत और सुंदर आधार तैयार करना, जिससे किसी अन्य आत्मा से सुंदर जुड़ाव बनाया जा सके। इस बारे में आत्ममंथन करें कि हम यह संबंध स्वयं की पूर्ति के लिए बना रहे हैं या जीवन की सरल खुशियों को साझा करने के लिए।

संबंधों में समरसता तब आती है जब हम बिना किसी शर्त के दूसरी आत्मा और उसके नेचर को अपने जीवन में स्वीकार करते हैं, और उनके विचारों को नियंत्रित करने या बदलने की कोशिश नहीं करते। संबंध चाहे जिस भी रंग में सामने आएं, उन्हें उसी रूप में अनुभव किया जा सकता है और सराहा जा सकता है। ऐसी आत्माओं के बीच समझदारी होने पर मतभेद भी भयावह नहीं लगते। जब हम सरलता और वैराग्य को अपनाते हैं और अपनी आध्यात्मिक स्थिति को बढ़ाते हैं, तब जैसे एक-एक मनका जोड़ कर माला बनती है, वैसे ही नए और सुंदर संबंध स्वतः ही बनते जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संबंध केवल किसी के बारे में सोचते रहने का नाम नहीं है। प्रेम, परवाह और सम्मान की भावना पहले अपने प्रति होनी चाहिए। जब जीवन के किसी भी क्षेत्र; चाहे व्यक्तिगत या पेशेवर, में जुड़ाव आत्मिक चेतना से जुड़ा हुआ होता है, तो वह लेन-देन पर आधारित नहीं होता, बल्कि बिना किसी कारण के केवल देने पर ही आधारित होता है। जब हम अपने मूल स्वरूप; एक शुद्ध, गुणों से भरपूर आत्मा का अनुभव करते हैं, तब संबंध सकारात्मक ऊर्जा का आदान-प्रदान बन जाते हैं। हम समझ जाते हैं कि संबंध हमारे जीवन का एक पहलू मात्र है, और हमें अपना संपूर्ण जीवन इसके इर्द-गिर्द नहीं बुनना है। इससे हम उस पक्ष से कम जुड़ाव महसूस करते हैं, और हमारे भीतर की असीम संभावनाएँ उन मार्गों से प्रकट होने लगती हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

14 july 2025 soul sustenance hindi

शरीर स्वस्थ हो, तो आत्मा प्रसन्न रहती है… आत्मा और शरीर का संतुलन बनाए रखें सकारात्मक संकल्पों के ज़रिए

Read More »
13 july 2025 soul sustenance hindi

रिश्तों में असर डालना है? तो नियंत्रण नहीं, सकारात्मक ऊर्जा और करुणा को अपनाएं।

Read More »
12 july 2025 soul sustenance hindi

हर ज़रूरी काम से पहले एक मिनट मौन अपनाएं और अपने मन को सफलता की ऊर्जा से भरें।

Read More »

Food For Thought

Finish your problems using god's power bk shivani

Finish Your Problems Using God’s Powers

The journey towards a life enriched with purity, happiness, and inner peace begins with embracing the divine wisdom. It’s about understanding and applying the teachings of God in our everyday lives. We are encouraged to take ownership of our spiritual

Read More »