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February 15, 2025
रिश्ते जीवन का सबसे अनमोल खजाना होते हैं, लेकिन जब इनमें अहंकार आ जाता है, तो वे गलत दिशा में चले जाते हैं। आप पाएंगे कि लोग हमेशा विनम्र व्यक्तियों से संतुष्ट रहते हैं। अहंकार रहित लोगों के रिश्ते सामान्यतः समस्याओं से मुक्त होते हैं और उनमें मतभेद भी कम होते हैं। इसके अलावा, जिन संबंधों में कोई एक व्यक्ति समय आने पर अपने अहंकार को त्यागना सीख जाता है, वे शांति और सद्भाव से भरे होते हैं। अक्सर किसी भी रिश्ते में अवरोध का मुख्य कारण मैं, मेरा और मुझे का त्याग न कर पाना होता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन कई रिश्तों में प्रेम केवल इसलिए समाप्त हो जाता है क्योंकि हम अपने अहंकार को त्यागकर स्वयं को उस रूप में ढाल नहीं पाते, जैसा दूसरा व्यक्ति चाहता है। हर रिश्ते में मतभेद स्वाभाविक होते हैं, लेकिन उन्हें हल करना और उनसे ऊपर उठना ही असली चुनौती होती है, जिसे हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी सामना करना पड़ता है। हम सभी प्रेमपूर्ण रिश्तों की चाहत रखते हैं, लेकिन क्या हम इसके लिए जरूरी त्याग करने के लिए तैयार हैं? माना हम ऐसा सोचें और करें कि – मैं हार मानता हूँ, मैं हमेशा सही नहीं हो सकता, आप आगे बढ़ें और नेतृत्व करें, या यहाँ तक कि आप मुझसे बेहतर हैं।
कई बार, परिवार और ऑफिस में अलग-अलग प्रकार के संबंधों में यह देखा जाता है कि शुरुआत में सब कुछ अच्छा रहता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है और दो लोग करीब आते हैं, गलतफहमियाँ बढ़ने लगती हैं। रिश्ता अपनी दिशा खोने लगता है, जैसे बिना पतवार के नाव बहती जाती है। ऐसा क्यों होता है और यह शुरुआत में ही क्यों नहीं होता? क्योंकि शुरू-शुरू में दिल एक दूसरे के करीब होते हैं और संबंधों में त्याग करना आसान लगता है। लेकिन धीरे-धीरे, अधिकार जताने के कारण, वे एक-दूसरे को हल्के में लेने लगते हैं और एक समझदारी भरा रिश्ता भी अहंकार, मतभेद के कारण दुखों से भर जाता है।
(कल जारी रहेगा……)
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