ब्रह्माकुमारीज का 7 दिवसीय कोर्स (भाग 2)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
September 23, 2023
हममें से अधिकांश लोग, अपने व्यक्तित्व और धारणाओं के फिल्टर के माध्यम से दूसरों को देखते और जज करते हैं, वैसे ही हम स्वयं को भी कुछ लेबलों के माध्यम से देखते हैं जो हम अपने लिए यूज करते हैं। अगर हम कोई भी नकारात्मक लेबल स्वयं पर लगाते हैं, जैसे कि; मैं आलसी हूं, मैं लापरवाह हूं, तो यह हमारी पहचान और बिलीफ का हिस्सा बनने लगता है। हमारे द्वारा रेडिएट हुए वाइब्रेशन हमारी डेस्टिनी बनाते हैं और अंत में वो एक रिएलिटी बन कर हमारा बिहेवियर बन जाते हैं। तो क्या आप अपनी अपीयरेंस, बैकग्राउंड, पर्सनालिटी वा अचीवमेंट के आधार पर स्वयं की लेबलिंग करते हैं कि, आप कौन हैं और कौन नहीं हैं? क्या आप स्वयं को उन लेबलों के माध्यम से देखते हैं जिनसे बाकी अन्य लोग भी आपको डिस्क्राइब करते हैं? क्या आपने कभी रुक कर ये चेक किया कि, कितने नकारात्मक लेबल हैं? आप पर लगाए गए लेबल आपके व्यक्तित्व, आपकी आइडेंटिटी के कई डायमेंशन को जोड़ते हैं। इसका मतलब यह है कि, अगर हम खुद पर नकारात्मक लेबल लगाते हैं, तो हमारा मन, बुद्धि और शरीर उस नकारात्मक लेबल को अपना मानकर उसी के अनुसार बिहेव करने लगेगा। इन लेबल को बार बार दोहराने से, वे अफरमेशन की तरह बनकर रेडिएट होकर हमारी रिएलिटी बन जाएंगे और क्या आप जानते हैं कि, यही लेबल हमारा भाग्य बनाते हैं?
आइए, हम अपने ऊपर लगे प्रत्येक नकारात्मक लेबल को शुद्ध, शक्तिशाली, सकारात्मक लेबल से बदलें। उन्हें अपनी शब्दावली बनाएं, कुछ दिनों तक लगातार दोहराएं, जब तक कि, वे सकारात्मक लेबल आपकी पहचान न बन जाएं। आप इन्हें अपने जीवन की रिएलिटी बनाने के लिये स्वयं को केवल सकारात्मक लेबल देने की शुरुआत करें। स्वयं को याद दिलाएं – मैं स्वयं पर केवल और केवल सकारात्मक शब्दों का लेबल लगाता हूं। मैं इस बात को जानता हूं कि, मेरे लेबल मेरा भाग्य बनाते हैं। इस प्रकार से जब आप बार-बार केवल सकारात्मक लेबल के बारे में सोचते और बोलते हैं, तो आपके पॉजिटिव वाईब्रेशन आपके मन में, शरीर में और पूरे ब्रह्मांड में प्रसारित होते हैं। आपका हर वाईब्रेशन आपकी रिएलिटी बनकर आपके स्वभाव के रूप में दिखने लगता है।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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