ब्रह्माकुमारीज का 7 दिवसीय कोर्स (भाग 5)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
March 13, 2024
आज से 25 साल पहले, तनाव शब्द सिर्फ विज्ञान की एक भाषा थी, और ये हमारी बातचीत का हिस्सा भी नहीं था; जिससे हमारे मन की दशा का पता चले। जबकि हम उस समय भी उतनी ही मेहनत करते थे, जितनी हम आज करते हैं और परिस्थितियां भी उतनी ही चुनौतीपूर्ण थीं जितनी कि आज हैं। पर फिर भी हमने कभी भी ये नहीं कहा कि, मुझे तनाव महसूस हो रहा है। फिर धीरे-धीरे हम सभी इसे एक इमोशन मानने लगे और अपने मन की दशा को बताने के लिए इसका इस्तेमाल करने लगे। और साथ ही, हम ये दर्शाने के लिए कि, हम कितनी कड़ी मेहनत करते हैं, यहां तक कि हमारे नियमित कार्यों में थोड़ा ऊपर-नीचे होने को भी हम तनाव मान बैठे और कहने लगे कि, हम तनाव में हैं। तो आइए, तनाव को लेकर अपनी समझ को चेक करते हैं। ओरिजिनली हम सभी शांत, सुखी और शक्तिशाली आत्माएं हैं। “तनाव” हमारे ही गलत विचार क्रिएट करने का परिणाम है। ये हमारा भावनात्मक दर्द है जो ये दर्शाता है कि- हमारे अंदर कुछ ऐसा है जिसे बदलने की जरूरत है। और आजकल जब हम अपने चारों तरफ हर किसी को तनाव में देखते हैं, तब हम ये सोचते हैं कि, आज के समय में थोड़ा तनाव होना बिल्कुल सामान्य और स्वाभाविक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, ये सच्चाई नहीं है। तनाव का प्रभाव, ना सिर्फ हमारे शारीरिक बल्कि भावनात्मक अवस्था या हालचाल पर भी पड़ता है। ये हमारी मेमोरी, क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति और कार्य प्रदर्शन पर भी प्रभाव डालता है। इसलिए कम या ज्यादा तनाव, हर तरह से हानिकारक है।
विज्ञान के माध्यम से इसे ऐसे समझ सकते हैं कि; तनाव (स्ट्रेस)=दबाव (प्रेशर)/ लचीलापन (रिसिलिएंस)
अब यदि अपने जीवन में एप्लाई करें तो:
इसलिए स्ट्रेस यानि अपने जीवन में आने वाली परिस्थितियों के दौरान, हम अपनी आंतरिक शक्तियों; स्थिरता, शांति और प्रेम को बढ़ाकर तनाव को कम कर सकते हैं। लेकिन जब हमारी आंतरिक शक्तियां कम होती हैं तो एक छोटा सा भी प्रेशर भी हमें बड़ा तनाव दे सकता है। इसलिए हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि, हम किसी भी परिस्थिति में अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाकर अपने मन की अवस्था का चार्ज खुद लें। सिर्फ एक यही सत्ता हमारे नियंत्रण में है न कि परिस्थितियां, और लास्टली ये ही हमें किसी भी प्रकार की परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देती है।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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