18th Oct 2024 Soul Sustenence Hindi

October 18, 2024

तनावमुक्त जीवन के लिए 5 स्टेप्स (भाग 3)

स्टेप 4- मैंने अपनी आंतरिक शक्ति का कंट्रोल किसी और को दे दिया… इसे अपने हाथों में वापस लें: स्ट्रेस का मुख्य कारण यह है कि हम किसी व्यक्ति या परिस्थिति को अपने विचारों, भावनाओं और दृष्टिकोण को नियंत्रित करने देते हैं। कल्पना कीजिए कि यदि आपको पूरे दिन केवल तभी हाथ उठाने या आंखें बंद करने की अनुमति दी जाए जब कोई और आपको ऐसा करने के लिए कहे। क्या वह विचार आपको असहज नहीं करेगा? किसी और व्यक्ति को, या किसी भी बाहरी परिस्थिति को अपने विचारों को नियंत्रित न करने दें, जो आपकी भावनाओं और दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं। इस नियंत्रण को अपने हाथों में लें। इसका अर्थ है कि हम अपने विचार खुद क्रिएट करते हैं लेकिन वे दूसरों के कार्यों या आसपास की घटनाओं के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रियाओ के रूप में नहीं होने चाहिए। लोग नकारात्मक होंगे और परिस्थितियां मेरी इच्छानुसार नहीं होंगी, लेकिन मेरे विचार हमेशा सकारात्मक, शांतिपूर्ण और शक्तिशाली होंगे। जैसे ही हम हर पल अपने मन के मास्टर बनते हैं, स्ट्रेस खुद ब खुद गायब हो जाता है। तो इसके लिए हर सुबह एक स्ट्रेस फ्री एफर्मेशन बनाएं– मैं अपने विचारों का शासक और नियंत्रक हूं। आज मेरा हर एक विचार मेरी सकारात्मक रचना होगी। मैं किसी को भी या किसी नकारात्मक परिस्थिति को अपने मन पर हावी नहीं होने दूंगा और इस रचना को कमजोर नहीं होने दूंगा। मैं नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दूंगा, बल्कि सकारात्मक रूप से जवाब दूंगा। 

 

स्टेप 5- तनाव सामान्य है… अब इस बात का चुनौती देने का समय है: याद रखें तनाव से तब तक मुक्ति नहीं मिल सकती जब तक आप यह मानना बंद नहीं कर देते कि थोड़ा बहुत तनाव अच्छा या सामान्य है। हम सभी तनाव को पकड़कर रखने और उसे अपने मन पर इतना हावी होने देने के आदी हो गए हैं कि यह हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से घुटन में डाल देता है। तनाव एक अप्राकृतिक भावना है। हमें इसे सामान्य और अच्छा महसूस मानने का कारण है क्योंकि दुनिया ने हमें ऐसा ही सिखाया है, जो जानकारी हमें दी जाती है और जिस जीवनशैली के साथ हम आगे बढ़ते हैं। समस्याएं और चुनौतियां हमारे वर्तमान जीवन का सामान्य हिस्सा हैं। लेकिन हम मानते हैं कि हल्के मन से, तनावमुक्त रहकर उनका सामना करना असंभव है। कुछ लोगों के लिए तनाव रोमांचक हो सकता है, लेकिन याद रखें कि लंबी अवधि में यह हमें, हमारे मन और काम की दक्षता को खत्म कर देता है। 

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18 June 2025 Soul Sustenance Hindi

दूसरों के साथ ऊर्जा के लेन-देन को बेहतर बनाएं (भाग 3)

हम हर दिन ऊर्जा का लेन‑देन करते हैं—विचार, भावनाएँ, कर्म। अगर इसमें आध्यात्मिक समझ और प्रेम शामिल करें, तो रिश्तों की गुणवत्ता सुधरती है। लेकिन अधिक लगाव से अपेक्षाएं बनती हैं, जो दुख और तनाव लाती हैं। सीखें संतुलन से जुड़े रहना।

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