ट्रैफिक जाम - रोड पर या हमारे मन में?

September 22, 2023

ट्रैफिक जाम – रोड पर या हमारे मन में?

हममें से कई सारे लोगों के लिए, ट्रैफिक जाम माना; पब्लिक ट्रांसपोर्ट पकड़ने में देरी होना, फ्लाइट मिस हो जाना या फिर लंबी लंबी कतारों में इंतजार करते रहने से अक्सर हम निराश, तनावमुक्त और चिंताग्रस्त हो जाते हैं और ये लगभग नियमित रूप से हमारे भाग दौड़ से भरे जीवन का हिस्सा हो सकता है, इसलिए हम इन सिचुएशन में हर दिन कैसे रिएक्ट करते हैं, यह हमारी ओवरआल इमोशन हेल्थ को एफेक्ट करता है। चाहे वह रोड पर किसी के द्वारा खराब ड्राइविंग की जा रही हो, या फिर हैवी ट्रैफिक जाम हो, तो आइए उन मोमेंट को स्टेबिलिटी के साथ स्वीकारें और अलर्ट होकर अपने अंदर चलने वाले नेगेटिव थॉट्स को रोकें। अन्यथा हम 20 मिनट में ही करीबन 1,000 गलत विचार पैदा कर सकते हैं और ये केवल एक दिन की बात नहीं बल्कि हर दिन और कई सालों तक ऐसा ही होता रहेगा। ट्रैफिक हमारे कंट्रोल में नहीं है और नाही हम अकेले हैं जो इससे परेशान होते हैं। और हमारे डिस्टर्ब होने से यह नॉर्मल नहीं हो जाएगा। तो आइए इसके लिए कुछ सॉल्यूशन ढूंढें; अपनी ट्रैवलिंग को रिशेड्यूल करें या फिर अपना रूट बदल दें। या फिर इस समय का उपयोग; किसी को कॉल करने, मैसेज भेजने, कुछ देर रेस्ट करने, छोटी सी झपकी लेने या संगीत सुनने के लिए करें। क्योंकि ट्रैफ़िक की वजह से शुरू हुई निराशा पूरे दिन के सीन को एफेक्ट करती है। हमारा ख़राब मूड और निराशा पूरे दिन के लिए हमें भारी कर देता है, जिसका असर लोगों पर और हमारे काम पर भी दिखता है।

एक सोसाइटी के द्वारा और पर्सनल लेवल पर हम सभी को कम समय में ज्यादा से ज्यादा  हासिल करने के लिए अपनी पेस को बनाए रखना सिखाया जाता है। इसलिए हम अपने जीवन को नॉर्मल पेस से अधिक  चलाने की कोशिश में लगे रहते हैं। और अंततः हमारे पास उन चीजों के लिए भी पेशेंस नहीं रहता जिनका हमसे कुछ लेना देना नहीं है। यहां पर हम सभी नोटिस कर सकते हैं कि, ड्राइविंग और ट्रैवलिंग के वक्त हमारी अर्जेंसी और अधीरता हावी हो जाती है। तो आएं, आज से अपने मन को उन चीजों के बारे में स्ट्रेस्ड होने के बजाय, फ्लो के साथ चलना सिखाने के लिए कुछ समय निकालें, जिन पर वह अभी नियंत्रण नहीं कर पाता। जब भी आप यात्रा करें तो, शांति के सकारात्मक विचार बनाएं। भले ही सड़क पर ट्रैफिक खुलने में समय लगे, लेकिन आपके मन में विचारों का ट्रैफिक जाम नहीं होना चाहिए। अपने मन को डिस्टर्ब करने वाली परिस्थितियों में भी शांत रहने की कला सिखाएं। अपने मन से चिड़चिड़ेपन की वॉकेबलरी को खत्म करें। इस शांति की पॉजिटिव एनर्जी के साथ आप जैसे ही अपने ऑफिस या घर में प्रवेश करेंगे, यह स्थिति पूरे दिन भर के लिए आपकी स्थिति को ऊंचा बनाए रखेगी।

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