
डूज एंड डोंट्स ऑफ मेडिटेशन (पार्ट 2)
स्वयं के आत्मिक स्वरूप और अन्य आत्माओं को कार्य करते हुए देखने का अनुभव करना – मेडीटेशन का एक महत्वपूर्ण आधार “सोल कॉन्शियसनेस” है, जिसमें
October 20, 2023
भारत पूरी दुनिया का एक प्राचीन देश है जिसकी विरासत बहुत ही समृद्ध है। इसे विश्व की “सोने की चिड़िया” के नाम से जाना जाता था। यह एक खूबसूरत देश है, जिसे “आध्यात्मिकता और भक्ति” की एक बहुत महत्वपूर्ण पवित्र भूमि माना जाता है। पूरी दुनिया में भारत को ही सबसे पवित्र देवी-देवताओ की भूमि माना गया है; जिनकी आज भी पूजा अर्चना की जाती है; और साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्ध और महान व्यक्तित्व भारत में ही हुए हैं; साथ ही आत्मा, परमात्मा और विश्व नाटक का आध्यात्मिक ज्ञान और सबसे महत्वपूर्ण परमात्मा के प्रति अपार और असीम प्रेम की भूमि भारत भूमि है। भारत में पूजा और प्रार्थनाओं में परमात्मा को मातपिता के रूप में याद किया जाता है। आज हम सभी कलियुग या आयरन युग के अंतिम समय में आ पहुंचे हैं, जहां परमात्मा; एक निराकार (गैर-भौतिक शक्ति) विश्व परिवर्तन का श्रेष्ठ कार्य करते हैं और भारत को फिर से विश्व की सोने की चिड़िया, पवित्र और पुण्य दुनिया बनाते हैं जहां देवी देवतायें वास करते हैं, जिसको सतयुग वा गोल्डन एज कहा जाता है। आइए उन 5 तरीकों को जानें और समझें जिनके द्वारा हम परमात्मा के इस महान कार्य में उनकी मदद कर सकते हैं –
स्वयं के आत्मिक स्वरूप और अन्य आत्माओं को कार्य करते हुए देखने का अनुभव करना – मेडीटेशन का एक महत्वपूर्ण आधार “सोल कॉन्शियसनेस” है, जिसमें
आइए इसके बारे में जानें: मेडिटेशन की शुरुआत एक पॉजिटिव थॉट के साथ करें – मेडिटेशन से पहले एक पॉजिटिव थॉट क्रिएट करें कि, मैं
खुशी एक ऐसी फीलिंग है जो हम सभी अपने जीवन में हर पल चाहते हैं पर फिर भी हम सभी ने अपने मन की कंडीशनिंग
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