जिंदगी की दौड़ में ना भागें…. प्रेजेंट मोमेंट को एंजॉय करें (भाग 3)

June 19, 2024

जिंदगी की दौड़ में ना भागें….प्रेजेंट मोमेंट को एंजॉय करें (भाग 3)

प्रेजेंट मोमेंट को एंजॉय करने के लिए, हमें खुद को इस बिलीफ़ से भी फ्री रखना होगा कि सिर्फ भविष्य ही सबसे ज्यादा मायने रखता है। सामाजिक रूप से मान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की ट्रेडमिल पर दौड़ते-दौड़ते ऐसा लगता है कि हम एक न एक पुरस्कार जीतने की दौड़ में निरंतर प्रयासरत हैं और वे सब इन्हें हासिल करने की थोड़ी सी भी खुशी महसूस करने से पहले ही डिसॉल्व हो जाते हैं। इसके साथ ही, हम इस दौड़ में प्रेजेंट के कई सम्भावित अनुभवों को नोटिस करना तक भूल जाते हैं। इन सबसे स्वयं को मुक्त करने की राह में सबसे महत्त्वपूर्ण कदम है कि हर पल जो हो रहा है उसमे खुद को पुरस्कृत करें। यदि हम अपने अनुभवों में खुश रहना और उनमें अर्थ ढूँढ़ना सीख लेते हैं, तो जीवन में कुछ हासिल करने के बोझ के तनाव को अपने कंधों से कम कर सकते हैं। और जब हम रिवार्ड पाने के लिए बाहरी फैक्टर्स पर निर्भर नहीं करते तब हमारी इनर पॉवर वापस आने लगती हैं। ऐसे में हम जीवन के सच्चे पुरस्कार का आनंद ले पाते हैं और उन पुरस्कारों के पीछे भागना बंद कर देते हैं जो कभी-कभी हमारी पहुंच के बाहर होते हैं।

 

साथ ही, एक बार जब हम अपने लक्ष्यों को डिफाइन कर लेते हैं, तब उन्हें हासिल करने के दौरान आने वाली मुश्किलों को दूर करने में जो सीख मिलती है, वह हमें अधिक कुशल, अद्वितीय और सक्षम महसूस कराती है। इन व्यक्तिगत उपलब्धियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया में, दूसरों के साथ सहयोग देने का रवैया, सद्भाव की भावना और जीवन में तृप्ति महसूस कराता है। जब हम अन्य आत्माओं के विचारों और उनके जीवन के प्रति फिजिकल सेल्फ से परे देखभाल और सम्मान की भावना रखते हैं तब हम जीवन के प्रति अधिक संवेदनशील होना सीखते हैं, यह मानवीय एकीकरण और उसके प्रवाह, वर्तमान पलों को और अधिक सुखद बनाता है। जिससे हमारे अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है, जो हमें कौशल विकसित करने और अपने परिवार, मित्र, कार्यस्थल और समाज में महत्त्वपूर्ण योगदान देने की अनुमति प्रदान करता है।

(कल जारी रहेगा…)

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