4th June 2024 Soul Sustenence Hindi

June 4, 2024

आत्मा और उसके द्वारा किए जाने वाले काम का अहसास होना (भाग 2)

आत्मा एक नॉन फिजिकल एनर्जी है जोकि शरीर को ठीक उसी तरह से चलाती है जिस तरह से इलेक्ट्रिकल एनर्जी से टीवी चलता है। क्योंकि बिना इलेक्ट्रिकल एनर्जी के, टीवी जो एक कॉम्प्लेक्स मशीन; चाहे वो बड़ी हो या छोटी हो, अपने सभी पार्ट्स के होते हुए भी हमें दुनिया भर की इमेजेस नहीं दिखा सकती और नाही हमें दुनिया भर की घटनाओं की जानकारी दे सकती है ठीक इसी प्रकार, हमारा शरीर अपने विभिन्न अंगों और अलग-अलग सिस्टम होने के बावजूद भी, आत्मा के बिना कोई कार्य नहीं कर सकता है। जैसे ही आत्मा इस शरीर से निकल जाती है, हमारा हृदय और दूसरे अंग कार्य करना बंद कर देते हैं, यहां तक कि हमारा मस्तिष्क भी कार्य करना बंद कर देता है। क्योंकि, आत्मा ही इस शरीर को चलाने वाली मुख्य प्रेरक शक्ति है। आत्मा; हमारे शरीर के ब्रेन के पार्ट्स; हाइपोथैलेमस और पिटयूटरी ग्लैंड के पास स्थित होती है। ये मस्तिष्क के द्वारा हमारे पांचों सेन्स ऑर्गन-आंख, नाक, कान, जीभ और हाथों को; नर्वस और हार्मोनल सिस्टम के माध्यम से नियंत्रित करती है। हमारा मष्तिष्क; आत्मा और शरीर के विभिन्न हिस्सों के बीच एक ब्रिज का काम करता है। 

क्या आप जानते हैं कि, विज्ञान द्वारा संवेदनशील उपकरणों के माध्यम से जो मस्तिष्क की गतिविधियाँ का पता लगाया गया है वो आत्मा के अस्तित्व के कारण ही हो पाया है। अगर मानव शरीर में ये नॉन फिजिकल आत्मा नहीं होती जोकि वास्तव में सोचने का कार्य करती है, तो हमारे इस फिजिकल ब्रेन के अंदर किसी गतिविधि का पता नहीं लगाया जा सकता था, यानि कि मस्तिष्क चुप ही रहता। दरअसल मन सोचता है, मस्तिष्क नहीं। हमारा मन नॉन फिजिकल है और नॉन फिजिकल आत्मा का पार्ट है। इसके अलावा, हम आत्मा और अपनी फिजिकल बॉडी के संबंध की तुलना कंप्यूटर से भी कर सकते हैं। हमारा ब्रेन कंप्यूटर के सी.पी.यू. या सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट की तरह है, जबकि आत्मा कंप्यूटर के प्रोग्रामर की तरह कार्य करती है। मस्तिष्क, आत्मा से प्राप्त सभी थॉट, शब्द और एक्शन को शरीर के माध्यम से व्यक्त करता है। हमारा शरीर, कंप्यूटर के मॉनीटर की तरह है जो मस्तिष्क द्वारा प्रोसेस की गई चीजों का फाइनल स्वरूप दिखाता है। जो भी हम सोचते हैं वे सिग्नल, नॉन फिजिकल एंटिटी यानि कि आत्मा द्वारा हमारे ब्रेन (शरीर का एक भौतिक अंग) को भेजे जाते हैं। ब्रेन द्वारा डिटेक्ट किए जाने वाले सिग्नल को फिर शरीर द्वारा की जाने वाली विभिन्न क्रियाओं में परिवर्तित किया जाता है। आत्मा के नॉन फिजिकल निर्देशों को हमारा ब्रेन फिजिकल रूप देता है और फिर ये निर्देश एक्शन में आते हैं।

(कल भी जारी रहेगा….)

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