06th nov 2024 soul sustenence hindi

November 6, 2024

कार्यस्थल पर ईमानदारी का प्रदर्शन करें

कार्यस्थल पर ईमानदारी केवल एक पॉलिसी नहीं है, बल्कि हमारी सफलता और संतोष का कारण भी है। एक कर्मचारी जो ईमानदारी को महत्व देता है, उसे सफलता और भरोसे के ईनाम से पुरस्कृत किया जाता है। लेकिन जब हम अपनी ईमानदारी से समझौता करते हैं, तो हमारे आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। आइए इसके बारे में समझें:

 

  1. क्या आपने कभी कार्यस्थल पर ईमानदारी को कॉम्प्रोमाइज होते देखा है; जैसे काम से बचने के लिए झूठ बोलना, इंटरनेट पर समय बिताना, स्टेशनरी का दुरुपयोग करना, गलतियों को छुपाना या किसी और के प्रयासों का श्रेय लेना?

 

  1. ईमानदारी आपकी मौलिक गुणवत्ता है। इसलिए, बेईमानी के कार्यों का मतलब है कि आप अपनी मूल प्रकृति के विरुद्ध जा रहे हैं। जब आपका विवेक साफ नहीं होता, तो आप असहज महसूस करते हैं और शांत नहीं रह सकते। अल्पकालिक लाभ के लिए किए गए बेईमानी के कार्य; हानिरहित या छोटे लग सकते हैं, लेकिन वे आपकी भावनात्मक सेहत और इच्छाशक्ति पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

 

  1. कभी-कभी कार्यस्थल पर ईमानदार रहने में आपको बाधाओं या कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जैसेकि अपनी गलती के बारे में बताना या अनैतिक व्यवहार के खिलाफ अपनी राय व्यक्त करना साहस का काम है। यदि अन्य लोग बेईमान हैं, तब भी हार न मानें। ईमानदारी हमेशा एक सही रास्ता है, चाहे कितनी भी प्रलोभन और बाधाएँ क्यों न हों।

     

  2. योग का अभ्यास करें और आध्यात्मिक ज्ञान का अध्ययन करें ताकि आपके हर कर्म और बातचीत में ईमानदारी का एसेंस हो। क्योंकि जब आप उच्च नैतिक मानदंड स्थापित करते हैं, तो आप अपने कार्यस्थल पर ईमानदारी और अखंडता की लहर पैदा करेंगे और आपके साथ काम करने वाले सभी लोग इसका लाभ उठाएंगे।


 

नज़दीकी राजयोग सेवाकेंद्र का पता पाने के लिए

26 march 2025 soul sustenance hindi

ईज़ी रहें, बिजी नहीं

“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”

Read More »
25 march 2025 soul sustenance hindi

आध्यात्मिक समझ से भाई-बहनों की प्रतिस्पर्धा को समाप्त करें

भाई-बहनों की प्रतिस्पर्धा को आध्यात्मिक समझ से समाप्त करें। तुलना और ईर्ष्या को छोड़कर प्रेम, सम्मान और आत्म-संतोष को अपनाएँ। ✨🕊️

Read More »
मेडिटेशन रूपी नाल द्वारा परमात्मा से जुड़ें (भाग 3)

मेडिटेशन रूपी नाल द्वारा परमात्मा से जुड़ें (भाग 3)

मेडिटेशन केवल अभ्यास नहीं, बल्कि परमात्मा से जुड़े रहने का एक तरीका है। ध्यान द्वारा आध्यात्मिक पोषण प्राप्त करें और दिव्यता बढ़ाएँ। 🌿✨

Read More »