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सभी गुणों और शक्तियों से स्वयं को भरपूर करें

March 10, 2024

सभी गुणों और शक्तियों से स्वयं को भरपूर करें

किसी के भी जन्मजात गुणों या बुनियादी विशेषताओ को बदला नहीं जा सकता है। जैसेकि सूर्य से गर्मी को निकलना और चीनी से मिठास को निकलना इंपॉसिबल है। गर्मी और मिठास क्रमशः सूर्य और चीनी के मूल या जन्मजात गुण हैं जिन्हें हम चेंज नहीं कर सकते। ठीक उसी प्रकार, हमारे मनुष्य रूप में होने के साथ साथ, हमारी आत्मा के अंदर सात महत्त्वपूर्ण गुण सदाकाल से ही मौजूद हैं। असल में, यह मुझ आत्मा के आंतरिक या जन्मजात गुण हैं जोकि मेरे द्वारा किए गए किसी भी कार्य और अन्य लोगों के साथ कार्य व्यवहार में आते हुए भी, मुझे सब कुछ परफेक्ट तरीके से करने के लिए प्रेरित करते हैं।

 

आत्मा के सात ओरिजनल गुण शांति, सुख, प्रेम, आनंद, पवित्रता, शक्ति और सत्यता आदि हैं। आत्मा के यह गुण इतने बेसिक हैं कि वास्तव में यह अन्य सभी गुणों और शक्तियों की नींव होते हैं। आत्मा के यह ओरिजिनल गुण प्राथमिक रंगों की तरह और बाकी अन्य सभी गुण और शक्तियां द्वितीय रंगों की तरह होते हैं। जैसे कि; नारंगी रंग (एक द्वितीय रंग) लाल और पीले (दोनों प्राथमिक रंग) का मिश्रण होता है और हरा (एक द्वितीय रंग) पीले और नीला (दोनों प्राथमिक रंग) का मिश्रण होता है। ऐसे ही आत्मा के शेष सभी गुण जैसे पेशेंस, नम्रता, संतुष्टता और मिठास और सभी शक्तियां जैसे सहन करने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, समेटने की शक्ति, सहयोग करने की शक्ति आदि बेसिक गुणों के मिश्रण द्वारा ही प्राप्त की जाती हैं। 

उदाहरण के द्वारा समझते हैं:

धैर्यता का गुण- शांति और शक्ति (बेसिक गुण)

विनम्रता का गुण- प्रेम और सत्यता (बेसिक गुण)

सामना करने की शक्ति- शक्ति और सत्यता  (बेसिक गुण)

सहयोग करने की शक्ति- प्रेम और सुख  (बेसिक गुण)

सहज राजयोग में मेडिटेशन यानि योग करने का मुख्य लक्ष्य ही यह है कि, आत्मा के इन 7 गुणों को अपने अंदर  इमर्ज करना और शक्तिशाली बनाना ताकि मैं आत्मा अन्य सभी क्वॉलिटीज और शक्तियों से भरपूर हो जाऊं।

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