May 21, 2025

अपनी सत्यता के मौलिक गुण की ओर लौटना

सत्यता हमारा मौलिक गुण है, लेकिन समय-समय पर हम सुविधा या अल्पकालिक लाभ के लिए झूठ बोलने लगते हैं। रोचक बात यह है कि जब भी हम झूठ बोलते हैं, भीतर से असहज महसूस करते हैं, क्योंकि हमारी अंतरात्मा हमें चेतावनी देती है कि हम अपने वास्तविक स्वरूप के विरुद्ध जा रहे हैं। हम चाहे जितना भी सत्य को छिपाने की कोशिश करें, वह प्रकट होकर ही रहता है और अंततः जीतता है। सत्यता का अर्थ है – स्वयं के प्रति और दुनिया के प्रति सच्चे रहना। बचपन से ही हमें सिखाया गया है कि झूठ बोलना पाप है। फिर भी, जब बात अपनी बात मनवाने की हो, किसी मुसीबत से बचने की हो या किसी को खुश करने की हो, तो क्या आपने कभी झूठ का सहारा लिया? और क्या तब आपने उसे एक नुकसानरहित झूठ माना? सत्य से लेकर एक पूरी काल्पनिक कहानी गढ़ने तक, हम में से कई लोग समय-समय पर अपनी प्रामाणिकता से दूर हो जाते हैं। सत्यता और ईमानदारी हमारे मौलिक गुण हैं। हर झूठ हमारे आंतरिक बल को कम करता है और धीरे-धीरे झूठ बोलना एक आदत बन जाती है। आइए, हर परिस्थिति में सत्य बोलने का साहस रखें। सत्य थोड़े समय के लिए अप्रिय लग सकता है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ देता है। किसी को खुश करने के लिए झूठ बोलने की अपेक्षा ईमानदारी से फीडबैक देना कहीं बेहतर है। जब हम सत्य बोलते हैं, तो हमारी विश्वसनीयता और हमारे संबंधों की शक्ति बढ़ती है।

हर दिन स्वयं को याद दिलाएं कि आप एक सत्यवादी आत्मा हैं। हर परिस्थिति में और हर किसी के साथ सत्य बोलना स्वाभाविक रूप से आपके व्यवहार में होना चाहिए। मन को स्वच्छ रखें और सत्य व ईमानदारी के सिद्धांतों में विश्वास रखें। आपके इरादे, विचार, शब्द और व्यवहार पूर्णतः ईमानदार होने चाहिए। आपके कर्म ही आपके मूल स्वभाव को दर्शाते हैं। अपने संबंधों, व्यवहार और लेन-देन को सत्य पर आधारित रखें। न डरें, न कुछ छिपाएं और न ही तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करें। सत्य ही सफलता है, सत्य ही शक्ति है और सत्य ही खुशी देता है। यह पारदर्शिता लाता है और दूसरों को भी प्रामाणिक बनने के लिए प्रेरित करता है। सच्चा होना जीवन के हर क्षेत्र को सरल बना देता है। यदि कभी सत्य बोलना कठिन लगे, तो भी झूठ न बोलें – सत्य को जिएं, लेकिन उसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती। चाहे सामने वाला झूठ बोले, फिर भी आप सत्य ही बोलें। अपना दृष्टिकोण प्रकट करें, लेकिन स्वयं को सिद्ध करने में ऊर्जा व्यर्थ न करें। सत्य को प्रकट नहीं करना पड़ता, उसमें स्वयं को प्रकट करने की शक्ति होती है।

15 June 2025 soul sustenance Hindi

सच्चे रिश्ते वही होते हैं जहाँ आत्मनिर्भरता और भावनात्मक स्वतंत्रता हो। जानिए कैसे दूसरों को सहयोग करते हुए उन्हें सशक्त बनाएं।

Read More »
14 June 2025 soul sustenance Hindi

परमात्मा, ब्रह्मांड की सर्वोच्च आध्यात्मिक शक्ति हैं। उनके प्रेम और शक्ति से आत्मा को शांति, आनंद और दिव्यता का अनुभव होता है।

Read More »
13 June 2025 soul sustenance Hindi

https://youtu.be/UPQS0cK9fLk हम सभी ने अपने जीवन में साधु महात्माओं, माता-पिता, शिक्षक, परिवार के सदस्यों और मित्रों द्वारा दिए गए “आशीर्वाद की पॉवर” को अनुभव किया होगा। ब्लेसिंग माना – उनके

Read More »

Food For Thought

Rising Above Others Mistakes BK Shivani

Rising Above Others Mistakes

The choice between living in an era of strife (Kalyug) or peace (Satyug) lies within us. By adopting qualities of giving, forgiveness, and love, we can create a personal era of Satyug, irrespective of the external environment of Kalyug.

Read More »