February 26, 2025

आइए परमात्मा की उपस्थिति को पहचानें और उनकी विरासत को प्राप्त करें महाशिवरात्रि पर आध्यात्मिक संदेश

परमात्मा हमारे आध्यात्मिक पिता हैं और हम आत्माएं उनकी संतान हैं। साथ ही, परमात्मा सदा ही ज्ञान, गुणों और शक्तियों का सागर हैं। इस शाश्वत संबंध के कारण, हर आत्मा को परमात्मा की विरासत प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। विश्व नाटक में जब परमात्मा विश्व परिवर्तन का कार्य करते हैं, तब वे इस विरासत को आत्माओं को देते हैं। इसी कार्य को करने के लिए संसार में परमात्मा का यह दिव्य अवतरण ही शिवरात्रि या शिव जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह कब होता है और वे अपनी विरासत कैसे देते हैं? जब आत्माओं को यह वर्सा मिलता है तो क्या होता है और उनका परिवर्तन कैसे होता है? आइए इस संदेश में जानें –

 

  1. परमात्मा, दिव्य चेतना का एक सर्वोच्च बिंदु है। जो स्वयं, सभी आत्माओं, उनके जन्मों और विश्व नाटक के ज्ञाता हैं, जिसमें वे स्वयं, मौजूद सभी प्रजातियों की आत्माएं और प्रकृति भी शामिल है। वह सभी गुणों और शक्तियों के सागर हैं।

 

  1. परमात्मा की विरासत व वर्सा उनके ज्ञान, गुण और शक्तियाँ हैं, जिन पर हर आत्मा का अधिकार है। जब कलियुग के अंत में (अभी का समय) संपूर्ण संसार आध्यात्मिक अंधकार में होता है, तब परमात्मा इस संसार में अवतरित होकर अपने वायब्रेशन, संकल्प, वचन और कर्म के माध्यम से यह विरासत प्रदान करते हैं।  

 

  1. यह विरासत आत्मा को आंतरिक रूप से पूर्ण बनाती है और इस आंतरिक पूर्णता के साथ, आत्मा अपने आध्यात्मिक घर; आत्माओं की दुनिया, परमधाम में वापस चली जाती है और वहां बिना किसी विचार के गहरी शांति की अवस्था में रहती है। जब वह दोबारा इस धरा पर आती है, तो वह परमात्मा की विरासत से भरी हुई होती है और इस वजह से उसे मन की शांति, बुद्धि की स्थिरता, अच्छे संस्कार, उत्तम स्वास्थ्य, धन-संपदा और श्रेष्ठ संबंध प्राप्त होते हैं। साथ ही वह कई प्रतिभाओं और कौशल से भरपूर होती है। आत्मा की आंतरिक भरपूरता; गैर-भौतिक भरपूरता के साथ-साथ भौतिक स्तर की भरपूरता को भी आकर्षित करती है।

 

  1. यह नया चरण सतयुग या स्वर्णयुग कहलाता है, जहाँ आत्माएँ पूर्ण शांति और आनंद का अनुभव करती हैं और पूरी तरह से पवित्र होती हैं।  

 

  1. शिवरात्रि; परमात्मा के इस निराकारी दिव्य अवतरण (गैर भौतिक) और आत्माओं को उनकी श्रेष्ठ विरासत देने के दिव्य कार्य का उत्सव है।
रिश्तों में पीड़ा से मुक्त होने का अनुभव (भाग 1)

रिश्तों में पीड़ा से मुक्त होना सीखें! निःस्वार्थ प्रेम अपनाएं, भावनात्मक संतुलन बनाए रखें और गहरे आध्यात्मिक संबंधों का अनुभव करें। 🌸

Read More »
जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में बहाने बनाने से बचें

जीवन में बहाने बनाना आपको सफलता से दूर कर सकता है। कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें, आत्मविश्वास बढ़ाएं और अपने लक्ष्यों को पूरा करें। 🚀

Read More »
18 march 2025 soul sustenance hindi

आंतरिक शक्ति विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच जरूरी है। जानिए कैसे संस्कार बदलकर, मेडिटेशन और ईश्वर से जुड़कर अपनी आत्मशक्ति को मजबूत बनाएं।

Read More »

Food For Thought

Two morning habits that will transform your life bk shivani

Two Morning Habits That Will Transform Your Life

Transforming your life starts with how you begin your day. These two habits – spiritual awakening and mindful consumption of information – are not just practices but pathways to a more fulfilled, peaceful life. They charge your ‘soul battery’, enabling

Read More »