अंदर के ‘मैं’ का अहसास और अनुभव (भाग 1)
हम सभी अपना जीवन बहुत तेज़ी से जीते हैं, एक दृश्य के समाप्त होते ही अगले दृश्य में चले जाते हैं, फिर पहले दृश्य को
June 3, 2024
क्या आपको कभी अपने अतीत पर आश्चर्य हुआ है या कभी आपको ये विश्वास हुआ है कि, जीवन शाश्वत है या दूसरे शब्दों में कहें तो जीवन सिर्फ एक जन्म की ही सच्चाई नहीं है? हम सभी ये जानते हैं कि आत्मा क्या है और इसके बारे में सुनते भी आए हैं पर जो ज्ञान हम सुनते आए हैं क्या उसे हम अपने व्यक्तिगत जीवन पर लागू करते हैं? हम अपनी फिजिकल बॉडी द्वारा जो भी कार्य करते हैं, वह दरअसल स्पिरिचुअल एनर्जी यानि कि आत्मा द्वारा किए जाते हैं, हम जो बोलते हैं या फिर किसी चीज के बारे में सोचते हैं; वे सब आत्मा द्वारा ही किए जाते हैं। लेकिन चूंकि आत्मा को देखा नहीं जा सकता तो हम सोचते हैं कि मैं माना कि एक फिजिकल शरीर ही हर कार्य करता हूं। परन्तु आज विज्ञान भी स्व यानि कि अमरता (जीवन और मृत्यु से परे) की बात मानने लगा है। साथ ही, लोग भी अब ये विश्वास करने लगे हैं कि, किस प्रकार शांति, प्रेम और आनंद की एक अदृश्य और नॉन फिजिकल सत्ता मौजूद है जो मैं हूं; बोलने वाली आत्मा हूँ और इस आत्मा के अंदर मन है जो सोचने का कार्य करता है। दूसरी तरफ, हमारा मस्तिष्क तो सिर्फ एक भौतिक माध्यम है जिसके द्वारा आत्मा कार्य करती है। यह एक ऐसा माध्यम है जिससे हमारे मन में चलने वाली पूरी विचार प्रणाली के अनुरूप केमिकल और इलेक्ट्रिकल गतिविधियाँ होती रहती हैं। हमारे मन में चलने वाले थॉट प्रॉसेस नॉन फिजिकल हैं जबकि इनके द्वारा हमारे ब्रेन में होने वाली केमिकल और इलेक्ट्रिकल गतिविधियां; फिजिकल हैं। क्या आप जानते हैं कि, जब भी आपके दिमाग में कोई विचार उत्पन्न होता है तो आपका ब्रेन उस विशेष विचार के अकॉर्डिंग कमजोर लेकिन स्पष्ट इलेक्ट्रिकल सिग्नल क्रिएट करता है? इन इलेक्ट्रिकल सिग्नल को रिकॉर्ड करने और समझने के प्रॉसेस को ही ई.ई.जी (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफी) कहा जाता है, जिससे हमारे मन में चलने वाले थॉट प्रॉसेस का पता चलता है। ये हमारे हृदय की इलेक्ट्रिकल ऐक्टिविटी को रिकार्ड करने के ई.सी.जी. (इलेक्ट्रोकार्डिओग्राफी) प्रॉसेस के समान है।
दुनिया भर में सम्मानित लोगों का एक समूह जो अलग-अलग आध्यात्मिक संगठनों से जुड़ा हुआ है जो जीवन के विभिन्न-विभिन्न क्षेत्रों; इंजीनियरिंग, चिकित्सा, व्यवसाय, शिक्षा आदि के क्षेत्र में कार्य करते हुए भी अपना जीवन लोगों के आध्यात्मिक उत्थान के लिए समर्पित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। वे आध्यात्मिक सेवा के साथ-साथ अपने-अपने क्षेत्र में भी सेवाएं कर रहे हैं। अलग-अलग बैकग्राउंड के इन सभी लोगों ने ये पहचाना और अनुभव किया है कि, आत्मा यानि कि एक आध्यात्मिक चेतना या एनर्जी है जो उनके भौतिक शरीर को चला रही है और ये ही अध्यात्म का मूलभूत सिद्धांत है। साथ ही, इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने खुद को भौतिक शरीर और मस्तिष्क से अलग अनुभव किया है और इसके अलावा उन्होंने अपनी नियर डेथ के अनुभव और आउट ऑफ बॉडी अनुभव को भी जिया है।
(कल जारी रहेगा…)
हम सभी अपना जीवन बहुत तेज़ी से जीते हैं, एक दृश्य के समाप्त होते ही अगले दृश्य में चले जाते हैं, फिर पहले दृश्य को
हम सभी इस जीवन रूपी नाटक में अभिनेता हैं और कई भूमिकाएं निभा रहे हैं। हर दृश्य में हमें अपनी स्क्रिप्ट लिखने और उसपर अभिनय
प्रतिदिन परमात्मा द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने मन में दोहराएं– प्रतिदिन परमात्मा हमसे ज्ञान साझा करते हैं, जिसे हम पढ़ते हैं और अपनी डायरी
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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