अपने मूल स्वभाव; शांति और प्रेम का अनुभव करें-(भाग 1)

May 10, 2024

अपने मूल स्वभाव; शांति और प्रेम का अनुभव करें-(भाग 1)

हम सभी के जीवन में अलग-अलग प्रकार की कई सिचुएशन आती हैं, जो कभी-कभी हमारे अंदर क्रोध और अहंकार की भावनाओं को पैदा करने का कारण बनतीं हैं। ये क्रोध और अहंकार दोनों ही रिश्तों पर नेगेटिव प्रभाव डालते हैं। इसलिए समय-समय पर, हमें इन नेगेटिव एनर्जी को अपनी लाइफ़ सिचुएशन से दूर रखने के लिए और शांत रहने के लिए मौन रखने का प्रयास करना चाहिए। कई बार हमारे परिवार के कुछ सदस्यों या दोस्तों के साथ या यहां तक कि, कुछ अन्य अनइंपोर्टेंट बातों में; इन दो भावनाओं के द्वारा ही हमारी परीक्षा होती है। दूसरे शब्दों में, ऐसी स्थितियों में क्रोधित होना बहुत आसान है। ऐसे में यह हम पर निर्भर करता है कि, हम शांति, प्रेम और आनंद के अपने इनर रिसोर्सेज का उपयोग, स्वयं और दूसरों को भी वही अनुभव देने के लिए करें।

 

गुस्सा; हमारी सेहत के लिए कितना हानिकारक है, इस पर वर्तमान समय में दुनिया में कई तरह के शोध चल रहे हैं। रक्तचाप, दिल का दौरा, अनिद्रा और पीठ दर्द जैसी बीमारियाँ और पाचन विकार जैसी अन्य समस्याएँ गुस्से के कारण होती हैं। लोग अपने परिवार या अन्य जगहों पर; इस तरह का व्यवहार आम तौर पर करते हैं। इसके अलावा, दुनिया में कुछ लोगों का दृष्टिकोण है कि, थोड़ा गुस्सा करना सेहत के लिए अच्छा है और यह एड्रेलीन रश देता है। ऐसा भी देखा गया है कि, कुछ लोग मानते हैं कि; अहंकार आपको शक्तिशाली बनाता है और सफल होने में मदद करता है। साथ ही, कुछ लोगों का मानना है कि, गुस्सा आपकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है क्योंकि इससे कई बार काम जल्दी पूरे हो जाते हैं। लेकिन ये सब गलत धारणाएं हैं और असल में सच्चाई तो ये है कि, अहंकार, एक कमजोरी है और इससे आपको सम्मान मिलने की बजाय सम्मान खोना पड़ता है। साथ ही, गुस्सा आपको लोगों से प्यार और सहयोग पाने में मदद करने के बजाय उसे गँवाने का कारण बनता है।

(कल जारी रहेगा…)

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