
दूसरों को देने वाले बनें (भाग 1)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
July 1, 2024
मान लीजिए, किसी फैक्ट्री में प्रतिदिन 50,000 कपड़े बनते हैं, अब अगर इनमें से अगर कुछ ही कपड़े काम के हों और बाकी किसी भी काम के न हों तो ये अच्छा नहीं होगा। ऐसे ही हमारा मन जो कि हमारी इनर फैक्ट्री है; एक दिन में लगभग 40,000 से 50,000 थॉट्स क्रिएट करता है। हमारे हर एक थॉट में, शब्दों और कार्यों को शक्तिशाली ढंग से परिवर्तित करने की क्षमता होती है। इसलिए अपनी इस इनर फैक्ट्री के मालिक होने के नाते, हमें ये सुनिश्चित करना होता है कि हमारा हर एक विचार उपयोगी हो। हमारा जीवन; थॉट्स की एक लंबी चेन है जो हमारे शब्दों और व्यवहार में झलकते हैं। जिस तरह से, एक किसान बीज़ बोने से पहले उसकी गुणवत्ता को पूरी तरह से जांचता है, ठीक उसी तरह से हमें भी अपने विचारों रूपी बीज को जांचने की आवश्यकता है जोकि शब्दों और कार्यों के रूप में हमें फल देते हैं। दूसरे शब्दों में, हमें अपनी थॉट फैक्ट्री की ज़िम्मेदारी लेने की जरूरत है। आइए इसके बारे में कुछ बातों को जानें:
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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