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सही तरीके से कार्य करने का चुनाव करें (भाग 3)

October 29, 2023

सही तरीके से कार्य करने का चुनाव करें (भाग 3)

  1. हर समाज में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के कर्म प्रचलित हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि, क्या जीवन में विभिन्न कार्य करते समय हम कभी यह सोचते हैं कि, हमारे कौन से कार्य सकारात्मक या अच्छे हैं और कौन से नकारात्मक या बुरे। मान लीजिए, कि आज आपने अपने ऑफिस में कार्य क्षेत्र से संबंधित कई लोगों से मुलाकात की और हर किसी के साथ अपने थॉट्स, फीलिंग्स के साथ-साथ अपने शब्दों और कार्य के माध्यम से कुछ शेयर किया; तो आपने कभी ये ध्यान दिया कि; कुछ लोगों के साथ आप सकारात्मक होते हैं, कुछ के साथ न्यूट्रल होते हैं और जबकि कुछ एक के साथ आप नकारात्मक हो जाते हैं। तो क्या आप हर रोज अपने कार्यों की समीक्षा करते हैं और फिर उनमें भविष्य के लिए सुधार लाते हैं? लेकिन उससे भी पहले अच्छे और बुरे का ज्ञान होना जरूरी है और फिर उसके आधार पर आपके कर्म भी वैसे ही हो जाते हैं। तो हर दिन यह हमारा होमवर्क होना चाहिए, क्योंकि हम स्वयं के छात्र भी हैं और शिक्षक भी।
  2. हम सभी एक आध्यात्मिक यात्री भी हैं और हम आज जो कुछ भी करते हैं उसके संस्कार हम अपने भविष्य और आने वाले जन्मों में ले जाते हैं। तो ये सोचने की बात है कि, क्या हम नकारात्मक कर्मो के कारण; गलत और बुरे संस्कारों का बोझ ढोना चाहते हैं या फिर हम अच्छे और सही कार्यों से प्राप्त; ढेर सारे आशीर्वादों के साथ अपनी आगे की यात्रा करना चाहते हैं, यह हमारी अपनी पसंद है। हम अपने रिश्तों, अपने भौतिक शरीर, अपनी संपत्ति या यहां तक कि, अपने इस जन्म के रोल को भी अपने अगले जन्म में नहीं ले जा सकते हैं। और इस भौतिक शरीर को छोड़ते ही ये सब बदल जाता है। फिर केवल हमारे संस्कार ही बचते हैं, जो हमारे कर्मों के आधार पर बनते हैं। सकारात्मक कार्य हमें सकारात्मक संस्कारों से भर देंगे और नकारात्मक कार्य नकारात्मक संस्कारों से। इसलिए यदि हमारे संस्कार सकारात्मक और सुंदर हैं, तो हमें अपने अगले जन्म में एक सुंदर और स्वस्थ शरीर, उत्तम रिश्ते, ढेर सारा धन और बहुत अच्छी भूमिकाएँ मिलेंगी।

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