June 9, 2025

शक्तियों को अंदर भरें और कमजोरियों को बाहर निकालें

हम सभी अपनी फ़िजिकल फिटनेस के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं, और रोजाना कुछ मिनटों के लिए कसरत करते हैं। लेकिन जब हम व्यायाम करते हैं या सांस लेने की तकनीक का अभ्यास करते हैं, तो अनजाने में, हमारा मन चिंता, भय और दर्द के नेगेटिव थॉट्स क्रिएट कर सकता है। जिसके चलते हमारा शरीर तो फिट हो जाता है परन्तु मन कमजोर हो जाता है। अतः वर्कआउट करते हुए या दिन में किसी भी समय, केवल एक छोटे से अभ्यास के द्वारा, हम अपने मन को सहजता से ऊर्जावान बना सकते हैं। हर बार सांस भरते समय शक्तियों को अंदर भरें और कमजोरियों को बाहर निकालें। जब आप किसी भी प्रकार की फ़िजिकल कसरत जैसेकि – टहलना, दौड़ना, कसरत, योग, प्राणायाम या सांस-नियंत्रण तकनीक का अभ्यास करते हैं, तो ध्यान दें कि, आप उस समय क्या सोचते हैं? क्या आप अपनी सोच के बारे में अवेयर रहते हैं, या फिर अनअवेयर? शारीरिक कसरत के दौरान, ज्यादातर हम सभी अपने मन को; अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों के बारे में, अन्य लोगों के बारे में, अतीत के बारे में, भविष्य के बारे में, चीजों को विजुवलाइज करने के बारे में या बेकार की गपशप जैसी कई तरह की बातों को सोचने में व्यर्थ में लगा देते हैं। जहाँ एक तरफ हम अपने शरीर को ऊर्जावान बनाते हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे मन में चलने वाले अनावश्यक विचार और गपशप शरीर में कमजोरियों के वाइब्रेशन फैलाते हैं। तो आइए, सुनिश्चित करें कि, इन 20 मिनटों में हम स्वयं को शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह का स्वास्थ्य प्रदान करें। इसलिए साइलेंस में रहकर शारीरिक अभ्यास करें या फिर उस दौरान बहुत कम बातचीत करें, और साथ ही हमारे  थॉट्स और शब्द मन को पॉजिटिविटी से भरने वाले हों। हर एक साँस सही थॉट्स क्रिएट कर सकती है; शक्तियां अंदर लें और भावनात्मक टॉक्सिन बाहर निकालें, उदाहरण के लिए: इन एफेरमेशन को यूज करें – मैं खुशी को इन्हेल कर रहा हूं, मैं चिंता को बाहर निकाल रहा हूं। हमेशा अपने थॉट्स का ध्यान रखें और याद रखें कि, भावनात्मक रूप से स्वस्थ दिमाग शरीर में हीलिंग एनर्जी रेडिएट करता है।

हमेशा याद रखें, मैं शांत स्वरुप हूँ शांति हमारा ऑरिजिनल नेचर है। अपने पूरे दिन में बातचीत करते वक़्त, स्थितियों में रिएक्ट करते वक्त तनावमुक्त रहें। अपने मन और शरीर का ख्याल रखें। हर रोज़ सुबह 20 मिनट मेडिटेशन और 20 मिनट व्यायाम करके अपने मन और शरीर को ऊर्जावान बनाएं। व्यायाम करते समय, अपने विचारों को पॉजिटिव डायरेक्शन में ले जाएं और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। अंदर ली जाने वाली हर सांस के बारे में अवेयर रहें, और अपनी मानसिक स्थिति को सहज बनाएं। प्रत्येक साँस लेते समय अपनी ताकत के बारे में सोचें, और प्रत्येक साँस को छोड़ते समय अपने अंदर की कमजोरी के बारे में सोचें। शांति की साँस लें, तनाव की साँस छोड़ें, करुणा की साँस लें, क्रोध की साँस छोड़ें, भरोसे की साँस लें, डर की साँस छोड़ें। प्रत्येक सांस के साथ अपने अंदर शक्तिशाली वाइब्रेशन भरें और नेगेटिव एनर्जी बाहर निकालें। अपनी सांसों और विचारों को नियंत्रित करके, अपने शरीर और अपने दिमाग को ठीक रखें। दिन में किसी भी समय; काम करते हुए, यात्रा करते हुए, टीवी देखते समय भी इस तरह की प्रैक्टिस करें। अपनी सांसों का उपयोग स्वयं को शक्तिशाली, भरपूर, कॉन्फिडेंट महसूस करने के लिए सहजता से अपने फायदे के लिए करें। इस तरह, जीवन में आने वाली चुनौतियों में, ऑटो-पायलट रिएक्शन से बच सकेंगे और अवेयरनेस, स्टेबिलिटी के साथ सही थॉट्स क्रिएट करके रेस्पॉन्ड करेंगे। इस प्रकार, आप परिस्थितियों को आसानी से पार करके तनावमुक्त रहेंगे।

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