ब्रह्माकुमारीज का 7 दिवसीय कोर्स (भाग 4)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
June 2, 2024
क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यूँ होता है, जब हम किसी नई नकारात्मक परिस्थिति का सामना करते हैं तो हमें ये महसूस होता है कि ये पिछली परिस्थितियों से ज्यादा कठिन है और इस बार इसको पार करना आसान नहीं होगा। इसके साथ ही, हमारा मन पॉसिबल असफलता के विचारों से भर जाता है और हमारा खुद के प्रति और परमात्मा के प्रति विश्वास डगमगाने लगता है। अचानक ये जीवन अंधकार से भरा हुआ लगने लगता है और हम उस परिस्थिति के आने से पहले जैसे खुश थे वैसे खुश भी नहीं रह पाते, हम लोगों के साथ उत्साह के साथ बात भी नहीं कर पाते और कभी-कभी हमारे स्वास्थ के साथ-साथ हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तो आइए जानें कि, इसका सॉल्यूशन क्या है और हमें अपने जीवन की हर नकारात्मक परिस्थिति से कैसे सीख लेनी चाहिए, उसका उपयोग खुद को शक्तिशाली बनाने में कैसे करना चाहिए और उससे बिल्कुल भी डरना नहीं चाहिए। साथ ही, जानें कि कैसे हम अपनी सकारात्मक और शक्तिशाली स्थिति को सदा और स्टेबल बनाए रख सकते हैं?
ऐसी परिस्थितियों को पार करने के लिए, परमात्मा द्वारा दिए गए नथिंग न्यू के ज्ञान को याद रखें। इसका अर्थ है कि, मैंने अतीत में कई कठिन नकारात्मक परिस्थितियों से गुजरने के जिन अनुभवों को अपने मन में रख रखा है और उन अनुभवों के आधार पर ये परिस्थिति भी मेरे लिए नई नहीं है और मैं ये भी जनता हूँ कि, जिस तरह से परमात्मा की मदद और शक्तियों से मैंने उन्हें पार किया था, मैं अब भी वैसे ही करूँगा। मैं तो बस अपने द्वारा किए गए कार्य को दोबारा दोहरा रहा हूँ। मैं पहले से ही जानता हूं और मुझे इस बात पर पूरा निश्चय है कि, इसका रिज़ल्ट पॉजिटिव ही होगा। साथ ही मुझे पूरा विश्वास है कि परमात्मा मेरी मदद अवश्य करेंगे। इन सब बातों में पॉजिटिव बने रहकर सफलता प्राप्त करने में, एक मात्र चीज जो मुझे हेल्प करती है वह है धैर्यता। इस तरह से मैं अपने रास्ते में आने वाली स्थितियों की चिंता किए बिना, अपनी मंजिल को तय करता हूँ। जहां कुछ चीज़ें फेवरेबल हो सकती हैं और कुछ अनफेवरेबल भी हो सकती हैं। लेकिन अपने पिछले अनुभवों के आधार पर मुझे निश्चय है कि मैं हर स्टेज को पार कर लूँगा। मुझे सिर्फ परमात्मा की याद में धैर्यता से आगे बढ़ना है और जितना अधिक मैं ये कर पाता हूँ, उतना ही अधिक हर स्टेज पर परमात्मा की मदद अनुभव होगी और उस परिस्थिति को ठीक करने के लिए वो ही जिम्मेदार होंगे। मैं सिर्फ उनके मार्गदर्शन के अनुसार उस परिस्थिति में एक्ट कर रहा हूँ, क्यूँकि वे उन सभी परिस्थितियों के हर एक पहलू को मुझसे बेहतर जानते हैं। वे सबसे बुद्धिमान हैं और जानते हैं कि, मेरे लिए सबसे बेस्ट क्या है। बस मुझे याद रखना है कि मैं सदा विजयी रहा हूँ और हमेशा रहूँगा।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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