Brahma Kumaris Logo Hindi Official Website

Eng

Significance of rakhi

राखी का महत्व

सभी पाश्चात्य संस्कृतियों में से भारतीय संस्कृति का स्थान सबसे अधिक महत्वपूर्ण व सर्वोत्तम है। इस वसुन्धरा पर भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ पूरे वर्ष के हर दिन कोई न कोई त्यौहार, उत्सव, व्रत, उपवास, जयन्ती आदि होते हैं। हमारे देश की विविध परम्पराएं, सांस्कृतिक धरोहर व ऐतिहासिक घटनाएँ इन त्यौहारों के माध्यम से मनुष्य के मन को एक नई चेतना देते हैं। उन्हें अपने कर्त्तव्य पालन व मर्यादाओं की स्मृति प्रेरित करती रहती है। 

परन्तु आज यह देखा जाता है कि समय की बदलती धाराओं के साथ-साथ हमारे त्यौहारों में उपवास, व्रत आदि नियमों का महत्व कम होता जा रहा है। इसका कारण यह है कि दिनोंदिन पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। लोगों का आकर्षण धर्म से हट कर दिशाहीन पाश्चात्य संस्कृति की ओर केन्द्रित होता जा रहा है। 

ऐसे समय में हमें रक्षा बंधन के त्यौहार का महत्व जानना जरूरी है। क्योंकि रक्षा बन्धन कोई रस्सी के कच्चे धागों से बन्धने वाला बन्धन नहीं है। (आजकल रंग-बिरंगी राखियाँ इस पर्व का आधुनिकीकरण हैं)। यह धागा; जीवन की मान-मर्यादा व बहन-भाई के निःस्वार्थ प्यार का प्रतीक है। बहन की सुरक्षा के लिए प्राणों का बलिदान करना पड़े तो भी पीछे नहीं हटने का यह प्रण है। परन्तु आम तौर पर सभी लोग इस त्यौहार को लौकिकता व स्थूल बन्धन के रूप में मनाते हैं। इस राखी में कुछ आध्यात्मिक रहस्य छुपे हुए हैं। इसी दिन हर एक बहन अपने भाई के ललाट पर तिलक लगाती है। यह आध्यात्मिकता में आत्म-स्मृति का तिलक है। क्योंकि आत्मा के रहने का स्थान भी तो भ्रृकुटी के बीच में है। आत्मा तो अजर-अमर-अविनाशी है। देह विनाशी है। तिलक लगाते समय बहन भाई को स्मृति दिलाती है कि हम आत्मा रूप में भाई-भाई हैं और शरीर के सम्बन्ध से बहन-भाई। हमारा पिता अविनाशी है। इसलिए तुम अपने जीवन का दैवी गुणों से श्रृंगार कर सदैव इस संसार में अमर रहो।

दूसरा, तिलक लगाने के बाद बहन, भाई का मुख मीठा कराती है अर्थात कुछ-न-कुछ मिठाई खिलाती है। इसका आध्यात्मिक रहस्य है तुम्हारे मुख से सदैव मीठे बोल निकले और तुम सदैव दूसरों को मीठे बोल की मिठाई बाँटते रहो।

तीसरा, बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है। इसका आध्यात्मिक रहस्य है-अपनी आत्मा के अन्दर विकारवश जो भी बुराइयाँ हैं उन्हें परमात्मा की याद व शक्तियों द्वारा भस्म करो, अर्थात् उसको राख कर, पवित्र रहने का और दूसरों को पवित्र बनाने का सन्देश देने की प्रतिज्ञा करो।

राखी बाँधते समय हर एक भाई-बहन इन वायदों को दोहरायें। क्योंकि इस आध्यात्मिक रहस्यों में ‘सत्यता व पवित्रता’ का बल समाया हुआ है। रक्षा बन्धन की मर्यादाओं का उल्लेख आपको इतिहास के पन्ने पलटने से ही मिलेगा। लगभग 400 साल पहले जब मुगल सेना ने चित्तौड़गढ़ पर हमला बोल दिया था, तब उस युद्ध में हिन्दुओं का पराजय हुआ जिसमें रानी पद्मिनी सहित हज़ारों नारियों ने अपनी पवित्रता की सुरक्षा के लिए एक साथ प्राण न्यौछावर किये थे। अपनी पवित्रता की सुरक्षा के लिए रानी कर्णावती, रानी झाँसी, रानी अहिल्या आदि नारियों ने अपने प्राण झोंक दिये। महाभारत में द्रौपदी ने अपनी लाज की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण को पुकारा।

तो आइए, इस रक्षा बन्धन के मूल आध्यात्मिक रहस्यों को समझ कर विश्व रक्षक, पतित पावन ज्ञानसागर व कल्याणकारी परमपिता परमात्मा शिव द्वारा दिये हुए ज्ञान रत्नों को जीवन में धारण कर अहिंसक वृत्ति को अपनायें। परमपिता परमात्मा शिव द्वारा दिया हुआ पवित्रता का मंत्र हरेक मनुष्य को सुरक्षा की गारन्टी देता है, जिससे एक नहीं बल्कि जन्म-जन्मान्तर तक आत्मा सुरक्षा प्राप्त करती है। जब मनुष्य स्वयं को पहचानेगा, अपने विश्व रक्षक पिता को पहचानेगा, सृष्टि चक्र को पहचानेगा तब उसका जीवन सफल होगा। क्योंकि मनुष्य जीवन का हर क्षण अमूल्य है इसलिए इसे व्यर्थ न गँवायें। आप इस क्षण को अपने ही कमल हस्तों द्वारा स्वर्ण अक्षरों में लिख सकते हैं। जब आप रक्षा बन्धन के त्यौहार को आज हर धर्म व सभी जातियों में समान रीति से, इसमें छिपी हुई पवित्रता की भावना से प्रेरित होकर सभी की रक्षा करेंगे और दूसरों से भी करायेंगे, तब भारत की धरती पर सुख-शान्ति की हरियाली नज़र आयेगी।

आज राखी के त्यौहार के महत्व को जानकर इन धारणाओं को अपनायें तो हमारी ये भारत भूमि फिर से रामराज्य अर्थात् स्वर्ग बन सकता है। तो आइये, हम सब मिलकर आज सच्ची-सच्ची राखी के पावन पर्व के महत्व को समझ कर इस त्यौहार को मनायें।

ओम शांति

नज़दीकी राजयोग मेडिटेशन सेंटर

Related

Tribute to our supreme teacher on teachers day

परमात्मा, हमारे जीवन का प्रकाशस्तंभ: शिक्षक दिवस पर विशेष

शिक्षक दिवस पर विशेष: जानिए कैसे परमात्मा, हमारे परम शिक्षक, जीवन की हर चुनौती में हमें मार्गदर्शन करते हैं। आदर्श शिक्षक की भूमिका और ईश्वर के दिव्य शिक्षण का महत्व।

Read More »
The divine significance of raksha bandhan

The Divine Significance Of Raksha Bandhan

Raksha Bandhan is more than a festival; it’s a celebration of divine protection, purity, and spiritual awakening. Each ritual—from applying tilak to tying the Rakhi—holds deep spiritual significance. Embrace the festival with pure thoughts, soul consciousness, and the gift of

Read More »
स्व-निर्भरता का उत्सव (स्वतंत्रता दिवस पर आध्यात्मिक संदेश)

स्व-निर्भरता का उत्सव (स्वतंत्रता दिवस पर आध्यात्मिक संदेश)

हम सभी स्वतंत्रता और स्व-निर्भरता चाहते हैं, लेकिन क्या यह केवल अपना घर, अपना कमरा, अपने पैसे और अपने निर्णय लेने के बारे में है? हम सभी राजनीतिक, आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक स्वतंत्रता की तलाश करते हैं, लेकिन यह सब

Read More »
Rakhi beautiful relationship

न्यारा और प्यारा बंधन है रक्षा बंधन

रक्षा बंधन भाई-बहन के रिश्ते का एक अनूठा त्यौहार है, जो ईश्वरीय और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। यह त्यौहार न केवल पवित्रता की रक्षा करता है, बल्कि सांसारिक आपदाओं से भी बचाव करता है। जानें, कैसे भगवान ही हमारी

Read More »
Beautiful bondage raksha bandhan

भाई-बहन तक ही सीमित नहीं है रक्षा बन्धन का पर्व

रक्षा बंधन का पर्व सिर्फ भाई-बहन के रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र और आध्यात्मिक पर्व है। इस पर्व के गहरे आध्यात्मिक रहस्यों को जानें और समाज में पवित्रता और मानवता की पुनर्स्थापना करें।

Read More »
Raksha bandha festival of rakhi featured image

पवित्रता और भाईचारे का पर्व है रक्षा बंधन

रक्षा बंधन एक पवित्र पर्व है जो भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम और आत्मिक संबंध को दर्शाता है। कलियुग की विपरीत परिस्थितियों में, यह पर्व हमें आत्मिक ज्ञान से जोड़कर सच्चे भाईचारे की भावना को जागृत करता है। अपने प्रियजनों

Read More »