परमात्मा से जुड़कर अपनी दिव्यता का अनुभव करने का पर्व (भाग 1)

October 15, 2023

परमात्मा से जुड़कर अपनी दिव्यता का अनुभव करने का पर्व (भाग 1)

नवरात्रि (15 – 23 अक्टूबर) पर विशेष आध्यत्मिक संदेश 

मां शक्ति; दुर्गा की दिव्य दृष्टि, राजसी वस्त्र, हाथों में अस्त्र शस्त्र, अद्वितीय रथ (वाहन), आशीर्वाद रूपी हाथ और गरिमा, प्रेम और शक्तिमय चेहरा। नवरात्रि के पर्व की तैयारियों में देवी की मूर्तिस्थापना एक पवित्र स्थान पर करने के साथ ही, केले के पत्तों पर गेहूं के बीज रखकर उसपर मिट्टी का कलश रखते हैं जहां से लगातार पानी की बूंदें गिरती रहती हैं। इस कलश में फूलों की मालाएं लगाई जाती हैं और एक दीया/ दीपक 9 दिनों के लिए जलाया जाता है। इन नौ दिनों के दौरान, प्रार्थना और उपवास लिए जाते हैं। इन सभी रिचुअल के पीछे के आध्यात्मिक अर्थ को समझते हुए, हम ये जान पाएंगे कि, कैसे हम अपने परमात्मा से जुड़कर अपने अंदर की दिव्यता को अनुभव कर सकते हैं।

शिव और शक्ति का अर्थ है:

परमात्मा और आत्मा। यहां पर हम देखते हैं कि, प्रत्येक देवी कुमारी (अविवाहित) है लेकिन उन्हें माँ कहा जाता है, और राक्षसों को मारने हेतु उनके हाथ में अस्त्र शस्त्र दिखाए जाते हैं; इसका रियल अर्थ है कि, जब मैं आत्मा (शक्ति) नॉन फिजिकल सर्वोच्च सत्ता या परमात्मा (शिव) से कनेक्ट होती हूं, उन्हें याद करती हूं, तो मैं आत्मा स्वयं में पवित्रता (कुमारी का गुण), प्रेम (मां का गुण) और शक्ति (राक्षसों को मारने वाले अस्त्र शस्त्र) का स्वरूप बन जाती हूं। हम सभी जानते हैं कि, पवित्रता, प्रेम और शक्ति यह हर आत्मा के मूल गुण हैं।

मां शक्ति की 8 भुजाएं:

प्रत्येक आत्मा में मौजूद 8 शक्तियों का प्रतीक हैं – जिन्हें सहन करने की शक्ति, समाने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय लेने की शक्ति, संकीर्णता की शक्ति, समेटने की शक्ति और सहयोग करने की शक्ति के नाम से जाना जाता है।

ज्ञान के अस्त्र शस्त्र:

मां शक्ति के 8 हाथों में अस्त्र शस्त्र दिखाए जाते हैं जिनसे वे अज्ञान रूपी राक्षसों पर विजय प्राप्त करती हैं। इन ज्ञान रूपी अस्त्र शस्त्र का उपयोग करके, हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और कई अन्य नकारात्मक आदतों और संस्कारों के राक्षसों को समाप्त कर देते हैं।

मिट्टी के कलश:

का आध्यात्मिक अर्थ है कि, जब हम आध्यात्मिक ज्ञान के जल को मिट्टी के बर्तन (यानि हमारी बुद्धि) से अपने संकल्पों रूपी (बीज) पर गिरने देते हैं, तो हमारी सोच अधिक स्पष्ट, सकारात्मक और शक्तिशाली हो जाती है। बीजों का अंकुरण माना हमारे प्रयास सफल होते हैं और हम जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का अनुभव करते हैं। और इन सारे प्रॉसेस में हमारे मन और बुद्धि में फूलो समान दिव्य गुण पैदा होने लगते हैं।

(कल जारी रहेगा…)

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