
गणेश चतुर्थी का आध्यात्मिक महत्व (भाग 3)
श्री गणेश का बड़ा पेट समाने की शक्ति को दर्शाता है, जिसका अभिप्राय है कि, हमें लोगों की कमजोरियों और उनके गलत कार्यों के बारे
हम इस संसार में अपने विचार, शब्द और कर्म; एनर्जी के रूप में रेडीएट करते हैं, जोकि हमारा कर्मा बनाता है। हमारी नियति के रूप में परिस्थितियाँ और लोगों का व्यवहार, उनके द्वारा रेडीएट की गई एनर्जी हैं। हमारा हर एक कर्मा, हमारी आत्मा में रेकॉर्ड होकर, इस जीवन में या भविष्य के आने वाले जन्मों में परिणाम लाता है। अपने अंदर मौजूद आंतरिक शक्तियों द्वारा, हम सही कर्मा बनाते हैं, और परिस्थितियों के समय; पिछले कर्मों के परिणामों का सामना, स्टेबिलीटी के साथ करते हैं। तो क्या जब आपका जीवन सरलता से चलता है, तो आप उन परिस्थितियों का श्रेय स्वयं लेते हैं? और जब जीवन में चुनौतियां आती हैं, तो उस समय, क्या आप परमात्मा या अन्य लोगों को दोष देते हैं कि उनकी वजह से ऐसा हुआ? क्या आप मानते हैं कि आप अपना भाग्य स्वयं बनाते हैं, या कि यह पहले से ही नियति में था? हम सभी अपने भाग्य के निर्माता हैं। प्रत्येक कर्म का एक परिणाम होता है जो आज, या फिर कुछ दिनों में- कुछ वर्षों में या कुछ जन्मों में हमारे सामने आता है। आज हमारे साथ जो कुछ भी होता है, और उसके रेस्पोंस में किए जाने वाले अभी के कर्म का हम स्वयं चुनाव करते है। तो हमें, परिस्थिति की परवाह किए बिना, अपने वर्तमान कर्म के रूप में सही विचार, शब्द और व्यवहार का उपयोग करना चाहिए। आज किए गये सही कर्म पिछले कर्मों के खातों को सुलझाने के साथ-साथ, एक सुखद अनुभव और हमारे भविष्य के लिए एक सुंदर भाग्य का निर्माण करते हैं। आइए इस बात पर ध्यान न दें, कि लोग और परिस्थिति हमारे साथ क्या करते हैं, हमें तो बस अपने कर्मों को सही रखने पर ध्यान देना है।
आप अपने जीवन की यात्रा को, अपने तरीके से और अपने मूल्यों और सिद्धांतों के अनुसार जी रहे हैं। चाहे साधारण खान-पान हो, पहनावा हो या रहन-सहन या संस्कार, केवल वही चुनें जो आपके लिए सही कर्मों का खाता बनाए और जो आपकी आंतरिक शक्ति को बढ़ाकर खुशी के वाईब्रेशन फैलाए। आपका हर विचार, बोल और व्यवहार; शुद्ध और शक्तिशाली होना चाहिए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। शांति और खुशी के अपने ओरीजिनल गुणों को इमर्ज करें और हर कर्म में प्रयोग करें। जो कुछ भी आपके लिए है- लोग, प्रकृति, वस्तुएं- सभी के साथ सुंदर कार्मिक एकाउंट रखें। आज आपके जीवन की सारी खुशियाँ, स्वास्थ्य, सद्भाव और सफलता आपके पिछले जन्म के सुंदर कर्मों का परिणाम है। और जीवन की कुछ चुनौतियाँ आपके पूर्व जन्मों में किए गये गलत कर्मों का परिणाम हैं। उन्हें बिना किसी प्रश्न के स्वीकार करें, और अपने अंदर की शक्तियों को इमर्ज कर उनका सामना करें। आज किया गया एक श्रेष्ठ कर्म; पास्ट के कार्मिक एकाउंट को क्लिअर कर, सुंदर और सुखद भविष्य को सुरक्षित करने का श्रेष्ठ साधन है। उन सभी के प्रति कृतज्ञ रहें जो आपके लिए सही हैं, यहां तक कि उनके प्रति भी, जो आपके लिए सही नहीं हैं, और जिन्होंने आपको अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाने और पिछले कर्मों के एकाउंट को क्लिअर करने का अवसर दिया। तो, हर क्षण अपने सब हिसाब-किताब चुक्तू करते रहें।
श्री गणेश का बड़ा पेट समाने की शक्ति को दर्शाता है, जिसका अभिप्राय है कि, हमें लोगों की कमजोरियों और उनके गलत कार्यों के बारे
कल हमने श्री गणेश जी के जन्म का सही अर्थ जाना कि, कैसे शंकर जी ने उनका सिर काटकर उनके धड़ पर हाथी का सिर
हम सभी “श्री गणेश” के आगमन और जन्म को बड़ी आस्था और उत्साह के साथ मनाते हैं, और उनसे अपने जीवन के विघ्नों को नष्ट
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