May 22, 2025

भोजन से पहले परमात्मा को भोग लगाने के 7 फायदे

हमारे आध्यात्मिक जीवन में एक सुंदर आदत यह हो सकती है कि हम हर भोजन को भगवान की याद में बनाएं। साथ ही, दिन में कम से कम एक बार या उससे अधिक बार पकाया हुआ भोजन, ताजे फल, पीने का पानी और रसोई में ताजे बनाए गए अन्य पदार्थों को एक साथ परमात्मा को अर्पित किया जा सकता है। पहले बताए गए तरीके अनुसार 10–15 मिनट मेडिटेशन करना चाहिए। उनसे जुड़ने के साथ-साथ, उनके पवित्रता और प्रेम के वाइब्रेशन सामने रखे भोजन में भी भरने चाहिए। इसके लिए भोजन को विशेष डिब्बों में रखा जा सकता है और वे डिब्बे एक विशेष थाली में रखें, जो प्रतिदिन केवल इस उद्देश्य के लिए उपयोग में लाए जाएं और हर बार उपयोग के बाद धोए जाएं। पूरी थाली को एक साफ-सुथरे और शुद्ध सफेद कपड़े से ढंका जा सकता है, जिसे भी केवल इसी उद्देश्य के लिए प्रयोग करें। इस प्रक्रिया के दौरान बैकग्राउंड में कोई योग-संगीत या आध्यात्मिक गीत चलाया जा सकता है, जो परमात्मा की याद दिलाए। इस सुंदर और पावन अभ्यास को प्रतिदिन करने से निम्नलिखित 7 लाभ होते हैं –

  1. ईश्वर की याद का चार्ट बढ़ता है।
  1. भोजन शुद्ध होता है, जिससे आत्मा, सूक्ष्म और स्थूल शरीर – तीनों शुद्ध होते हैं, क्योंकि भोजन में ईश्वर के वाइब्रेशन भर जाते हैं।
  1. ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की आदत विकसित होती है, जिनकी याद में हमने भोजन पकाया और उन पंचतत्वों के प्रति भी जिनसे भोजन बना हुआ है।
  1. धीरे और सजग होकर भोजन करने की आदत विकसित होती है, क्योंकि भोजन करते समय भी हम ईश्वर को याद करते हैं।
  1. शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य में सुधार आता है, क्योंकि हम अधिक आध्यात्मिक रूप से ऊर्जा से भर जाते हैं और शांति, प्रेम व आनंद से भर जाते हैं।
  1. ईश्वर से हमारा संबंध गहरा होता है और हम उनके अधिक निकट आते हैं। हमारे अंदर उनके प्रति प्रेम बढ़ता है।
  1. जब हम उनके वाइब्रेशन से भरपूर भोजन दूसरों को परोसते हैं, तो वे भी ईश्वर के समीप आते हैं और उनकी पवित्रता व प्रेम का अनुभव करते हैं।

यह अभ्यास न केवल हमें, बल्कि हमारे वातावरण और संबंधों को भी दिव्यता से भर देता है।

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